गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में विटामिन बी12 की स्टेबिलिटी को प्रभावित कर सकता है विटामिन सी
विटामिन बी12 के साथ विटामिन सी खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं होता है? अगर आप कॉपर और जिंक सप्लीमेंट एक साथ लेते हैं, तो भी शरीर में कॉपर की कमी रहेगी? सप्लीमेंट लेना हेल्दी है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि विटामिन व मिनरल सप्लीमेंट लेते समय किन चीजों से दूर रहना चाहिए। विटामिन और मिनरल्स सप्लीमेंट की जरूरत इन दिनों बढ़ गई है।
बिजी लाइफस्टाइल, बैलेंस्ड डाइट बनाने के लिए समय की कमी, रेडिएशन के अत्यधिक संपर्क में रहना, नेचर से दूर रहना या तो खाने में विटामिन और मिनरल नहीं होना या फिर इन न्यूट्रिएंट्स को कम करने वाले काम करना। अब यहीं पर विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट की जरूरत पड़ती है। अक्सर हम डॉक्टर से सलाह नहीं लेते हैं और खुद ही सप्लीमेंट ले लेते हैं। कुछ न्यूट्रिएंट अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन से विटामिन और मिनरल एक-दूसरे के साथ नहीं लेने चाहिए।
कैल्शियम आंतों में आयरन के अवशोषण को रोककर नॉन-हीम आयरन के मिलने से रोकता है। हाई कैल्शियम का प्लांट बेस्ड आयरन सोर्स के अवशोषण को कम करके आयरन की बायोएवेलिबिलिटी को कम कर देता है, जिससे अंतत: उन व्यक्तियों में आयरन की कमी हो सकती है जो केवल प्लांट बेस्ड आयरन फूड खाते हैं। इस नुकसान से बचने के लिए कैल्शियम और आयरन के सप्लीमेंट अलग-अलग समय पर लेने चाहिए। विटामिन सी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में विटामिन बी12 की स्टेबिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
हाई विटामिन सी का अत्यधिक सेवन विटामिन बी 12 की कमी से जुड़ा हो सकता है। हालांकि यह केवल सप्लीमेंट के साथ जुड़ा है ना कि डाइट से मिलने वाले विटामिन के साथ। विटामिन सी की बड़ी खुराक विटामिन बी12 के अवशोषण में बाधा डाल सकती है, खासकर उन लोगों में जिनमें विटामिन की कमी होती है। विटामिन ई का हाई लेवल विटामिन-के को रक्त के थक्के जमाने में बाधा डालता है। इसलिए यह कहा जाता है कि एंटीकोग्युलेंट थेरेपी या विटामिन ई के सप्लीमेंट लेने के दौरान विटामिन-के के इनटेक पर ध्यान रखें। इसके लिए डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। जिंक और कॉपर आंत में घुलने के लिए आपस में लड़ते हैं। जिंक का हाई लेवल लेने से कॉपर के अवशोषण में बाधा डलती है, जिससे कॉपर की कमी का खतरा हो सकता है। उन व्यक्तियों में इसकी ज्यादा संभावना होती है जो लंबे समय से जिंक की ज्यादा खुराक ले रहे हैं।