Monday, December 23, 2024
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गेंदबाजों ने बनाया भारत को चैंपियन द्रविड़-रोहित की रणनीति भी कमाल की

टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के प्रत्येक सदस्य ने निभाया अपना रोल

भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर 11 साल का सूखा समाप्त किया। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में दमदार रहा और टीम ने ग्रुप चरण से लेकर फाइनल तक अपना लोहा मनवाया। भारतीय टीम खिताबी मुकाबले में एक समय अच्छी स्थिति में नहीं थी, लेकिन गेंदबाजों ने अंत में मैच बदला और टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका अदा की। यूं तो क्रिकेट एक टीम का खेल है जिसमे व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीत में पूरी टीम का योगदान होता है। हालांकि, विश्व कप जैसे टूनार्मेंट में हर टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित करते हैं।

भारतीय टीम टी20 विश्व कप में ग्रुप-ए में शामिल थी जिसमे पाकिस्तान, आयरलैंड, अमेरिका और कनाडा भी मौजूद थे। भारत ने ग्रुप चरण के अपने सभी मैच अमेरिका में खेले। भारत ने सुपर-8 में अगले दौर के लिए वेस्टइंडीज गई जहां पहले मैच में अफगानिस्तान को 47 रनों से हराया। इसके बाद टीम ने बांग्लादेश को 50 रनों से शिकस्त दी। फिर वनडे विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया को 24 रनों से जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में भारत ने गत चैंपियन टीम को 68 रनों से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। भारतीय टीम के इस प्रदर्शन के पीछ जो बड़े कारण रहे जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।

गेंदबाजों ने किया बेहतर प्रदर्शन

इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा प्रभावित गेंदबाजों ने किया। अर्शदीप 17 विकेट लेकर संयुक्त रूप से शीर्ष पर रहे। इसके अलावा बुमराह ने 15 और हार्दिक ने 11, कुलदीप ने 10 और अक्षर ने 9 विकेट लिए। बड़ी टीमों के खिलाफ गेंदबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया वो तारीफ के काबिल था। जसप्रीत बुमराह की अगुआई में तेज गेंदबाजों ने जहां शुरूआत से विपक्षी टीमों को दबाव में रखा, वहीं मध्य ओवरों में जब भी भारत को सफलता की जरूरत पड़ी तो स्पिनरों ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई।

टीम के तौर पर खिलाड़ी रहे एकजुट
किसी भी टीम के लिए बड़े टूर्नामेंट में एकजुट होकर खेलना काफी महत्वपूर्ण होता है। भारतीय टीम ने वनडे विश्व कप के बाद इस बार टी20 विश्व कप में भी एक इकाई के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया। जब शीर्ष क्रम टीम को अच्छी शुरूआत दिलाने में नाकाम रहा तो सूर्यकुमार यादव की अगुआई में मध्य क्रम के बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला और टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाने में योगदान दिया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में भारतीय टीम पूरी तरह एकजुट दिखी और हर खिलाड़ी एक दूसरे की सफलता का जश्न मनाता दिखा।

कोच के रूप में द्रविड़ की भूमिका रही प्रभावी
भारत के आईसीसी टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन का काफी श्रेय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को भी जाता है। द्रविड़ के नेतृत्व में टीम 2022 टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी, जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल तथा वनडे विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचने में सफल रही थी। भले ही भारत चैंपियन नहीं बन सका था, लेकिन द्रविड़ के अगुआई में जिस तरह टीम लगातार नॉकआउट में पहुंची उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2022 टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद द्रविड़ ने रुख भी बदला। द्रविड़ का कोच के रूप में यह आखिरी मुकाबला था।

रोहित शर्मा की शानदार कप्तानी

भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन का सबसे बड़ा श्रेय रोहित शर्मा की कप्तानी को जाता है। उनके सभी फैसले कारगर साबित हुए हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन करना और उन्हें अगले मैच के लिए प्रोत्साहित करना कप्तान का सबसे सराहनीय कार्य रहा है। दिलचस्प बात यह है कि रोहित की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी प्रतियोगिताओं का फाइनल खेला है। इनमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023, वनडे विश्व कप 2023 और टी20 विश्व कप 2024 शामिल है। टी20 विश्व कप के लिए जब भारतीय टीम का चयन हुआ तो इसमे चार स्पिनरों को शामिल किया गया था। इस पर काफी सवाल उठे थे और उस वक्त रोहित ने कहा था कि चार स्पिनरों को लेने का फैसला उनका था और आने वाले समय में समझ में आएगा कि उन्होंने यह मांग क्यों की थी। जिस तरह भारत ने स्पिनरों का उपयोग किया वो यह दशार्ता है कि रोहित का यह निर्णय सही साबित हुआ।

बल्ले से दमदार प्रदर्शन
रोहित शर्मा ने कप्तानी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी अपना हुनर दिखाया। वह टूर्नामेंट में 257 रन बनाकर भारत के शीर्ष खिलाड़ी रहे। आयरलैंड के खिलाफ रोहित ने अर्धशतकीय पारी खेली इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सुपर-आठ मैच में 92 रन और इंग्लैंड के खिलाफ 57 रनों की तूफानी पारी खेली। इसके अलावा टूर्नामेंट में सूर्यकुमार यादव ने 199 रन और ऋषभ पंत ने 171 रन बनाए। विराट कोहली पूरे टूर्नामेंट में संघर्ष करते दिखे लेकिन फाइनल में उन्होंने 76 रन बनाकर भारत को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। उन्होंने टूर्नामेंट में 151 रन बनाए।

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