ओली वाटकिंस ने स्टॉपेज टाइम में दागा निर्णायक गोल
डॉर्टमुंड। सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर खेलने उतरे ओली वाटकिंस ने स्टॉपेज टाइम में निर्णायक गोल दागकर इंग्लैंड को लगातार दूसरी बार यूएफा यूरोपियन चैंपियनशिप (यूरो कप) फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कराया। डॉर्टमुंड में खेले गए रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने नीदरलैंड को 2-1 से हराया। मैच के अंतिम समय में वाटकिंस ने कोले पालमेर द्वारा मिले पास पर कॉर्नर से शानदार गोल दागा और टीम को निर्णायक बढ़त दिलाने में सफल रहे। इंग्लैंड का सामना अब खिताबी मुकाबले में स्पेन से होगा जिन्होंने एक अन्य सेमीफाइनल मैच में फ्रांस को 2-1 से मात दी थी। दूसरे हाफ की शुरूआत में दोनों टीमों की ओर से बदलाव किए गए।
नीदरलैंड ने डोनियल मालेन को बाहर कर दिया और उनकी जगह वॉथ वेघोर्स्ट को शामिल किया, जबकि इंग्लैंड की ओर से ल्यूक शॉ ने कीरन ट्रिपियर की जगह ली। दूसरे हाफ के खत्म होने से 20 मिनट पहले इंग्लैंड ने पहले हाफ के स्टार हैरी केन और फिल फोडेन को बाहर बुला लिया और उनकी जगह ओली वाटकिंस और कोल पामर ने लिया। इंग्लैंड का यह फैसला सही साबित हुआ, जब मैच में जोड़े गए समय में ओली वॉटकिंस ने गोल कर टीम को 2-1 की बढ़त दिलाई और टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।
हैरी केन ने 18वें मिनट में दागा गोल
मैच समाप्त होने से पहले दोनों टीमें 1-1 गोल कर बराबरी पर थीं, ऐसा लग रहा था कि मैच का फैसला पेनाल्टी शूट आउट से होगा। पर इंग्लैंड के ओली वॉटकिंस ने मैच में जोड़े गए अतिरिक्त मिनट में गोल कर इंग्लैंड को 2-1 से आगे कर फाइनल में पहुंचा दिया। हाफ टाइम तक दोनों टीमों की ओर से 1-1 गोल किए गए। मैच के 10वें मिनट में ही नीदरलैंड के जेवी सिमंस ने इंग्लिश बॉक्स के बाहर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचा कर डच टीम को 1-0 से आगे कर दिया। नीदरलैंड टीम और उसके फैंस की यह खुशी ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रही और 8 मिनट बाद ही यानी 18वें मिनट में हैरी केन ने गोल कर इंग्लैंड टीम और फैंस के गम को खुशी में तब्दील कर दिया। इस गोल के बाद इंग्लैंड की टीम में अलग एनर्जी का संचार हो गया और हाफ टाइम का खेल समाप्त होने तक उन्होंने गोल करने के कई मौके बनाए। मैच के 25वें मिनट तक इंग्लैंड टीम ने चार मौके बनाए और 65.8 प्रतिशत तक बॉल अपने पास रखी। वहीं 38वें मिनट में फिर से गोल करने के करीब पहुंच गए। इंग्लैंड के युवा खिलाड़ी फिल फोडेन ने बाईं से एक तेज शॉट लगाया, पर नीदरलैंड के गोलकीपर ने गोल रोकने के साथ ही इंग्लैंड को बढ़त लेने से भी रोक दिया।
इंग्लैंड के पास 58 साल बाद खिताब जीतने का मौका
इंग्लैंड पहली बार देश के बाहर हुए किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले 1966 में इंग्लैंड में ही हुए वर्ल्ड कप और 2020 में इंग्लैंड में ही खेले गए यूरो कप के फाइनल में पहुंचा था। इंग्लैंड के पास 58 साल बाद किसी बड़े टूर्नामेंट का खिताब जीतने का मौका है।