छह लाख लोगों के आने की उम्मीद,150 करोड़ लोग टीवी पर देखेंगे
पेरिस। पेरिस ओलंपिक का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और इसके लिए अब कुछ ही दिन का समय शेष रह गया है। यह तीसरी बार जब फ्रांस इन खेलों की मेजबानी करेगा और इसके लिए वहां खास इंतेजाम किए गए हैं। आमतौर पर उद्घाटन समारोह स्टेडियम में होता है, लेकिन पेरिस में इसमे बदलाव करने की योजना बनाई गई है। बताया जा रहा है कि 26 जुलाई को होने वाला उद्घाटन समारोह स्टेडियम नहीं, बल्कि सीन नदी के किनारे में होगा। भारत ने इन खेलों के लिए 117 सदस्यीय दल भेजने की घोषणा की है।
पेरिस ओलंपिक में उद्घाटन समारोह की शुरूआत बोट परेड के साथ होगी। करीब तीन घंटे तक होने वाले इस आयोजन में तीन हजार कलाकार अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे। हालांकि, खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए इसमे बदलाव भी किया जा सकता है और उद्घाटन समारोह एफिल टावर के सामने भी हो सकती है, लेकिन तय कार्यक्रम के अनुसार, यह समारोह सीन नदी के किनारे ही कराने की कोशिश होगी। नदी के किनारे उद्घाटन कराने का फैसला इसिलए लिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बन सकें। अगर सुरक्षा या किसी अन्य कारण के चलते ऐसा करना संभव नहीं हुआ तो आयोजकों ने स्टेड डि फ्रांस में भी उद्घाटन समारोह करने का विकल्प मौजूद रखा है। पेरिस के बीचों-बीच होने वाले उद्घाटन समारोह में छह लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से दो लाख से अधिक टिकट मुफ्त बांटे गए हैं। आधिकारिक प्रसारणकर्ता को उम्मीद है कि सिर्फ उद्घाटन समारोह को ही दुनियाभर में करीब 150 करोड़ लोग टीवी पर देखेंगे। साल 2016 में पूरे रियो ओलिंपिक की दर्शक संख्या 320 करोड़ रही थी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
अब तक बिक चुके हैं 90 लाख टिकट
एक रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस खेलों के लिए 10 लाख टिकट उपलब्ध कराए गए हैं जिसमे से 90 लाख टिकट बिक चुके हैं। मालूम हो कि कोविड-19 के कारण टोक्यो 2020 के लिए टिकट उपलब्ध नहीं कराए गए थे, इसलिए रियो ओलंपिक के बाद पहली बार इन खेलों के लिए टिकट उपलब्ध हुए हैं जिसे लेकर प्रशंसकों में गजब का उत्साह देखने मिल रहा है।
चार नए खेल होंगे शामिल
टोक्यो 2020 की तुलना में इस बार चार नए खेलों को भी पेरिस ओलंपिक में जगह दी गई है। इसमे ब्रेक डांस डेब्यू करेगा, जबकि स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट क्लाइबिंग और सर्फिंग भी शामिल होंगे। वहीं, भारोत्तोलन से चार इवेंट हटा दिए गए हैं। भारत की ओर से इस स्पर्धा में मीराबाई चानू हिस्सा लेंगी जिन्होंने टोक्यो में रजत पदक अपने नाम किया था। दिलचस्प बात यह है कि पहली बार निशानेबाजी के सभी वर्ग में भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
भारतीय एथलीट ज्योति याराजी अपनी मां के संघर्षों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध
भारतीय एथलीट ज्योति याराजी पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में हिस्सा लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन जायेंगी जिसमें उनकी कोशिश अपनी मां कुमारी के अभी तक के सारे संघर्षों को खत्म करने की होगी। विश्व रैंकिंग कोटे से ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई करने वाली याराजी अपनी मां की सकारात्मक सोच से प्रेरित होकर पेरिस में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगी। उनकी मां विशाखापत्तनम में एक स्थानीय अस्पताल में सफाईकर्मी और घरेलू सहायिका की डबल शिफ्टमें काम करती थीं। याराजी ने कहा, पहले मैं अपनी व्यक्तिगत जिंदगी, अपने परिवार और पृष्ठभूमि को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहती थी। लेकिन मैंने काफी कुछ सीखा है। कभी कभार मेरी हालत बहुत खराब होती। मेरी मां हमेशा मुझे कहती कि आगे बढ़ते रहो क्योंकि हम वर्तमान, अतीत और भविष्य को नहीं रोक सकते। मेरी मां ने मुझे कहा, तुम अपने लिए काम करो, कोई भी नतीजा रहे, हम इसे स्वीकार करेंगे। मेरी मां प्रतियोगिता से पहले मुझे कभी नहीं कहतीं कि पदक जीतो या फिर स्वर्ण पदक जीतो। वह मुझसे कहतीं कि जाओ स्वस्थ रहो और जो भी मैं करूं उसमें संतुष्ट रहूं।