लटेरी। अहिरवार समाज संघ भारत और अनुसूचित जाति-जनजाति के संगठनों ने माननीया सुप्रीम कोर्ट के द्रारा आरक्षण बर्गीकरण के क्रीमीलेयर के विरोध में लटेरी का बाजार बन्द कराया। सिरोंज चौराहे से हाथों में तख्तियां लेकर क्रीमीलेयर खत्म करो -खत्म करो ‘आरक्षण बर्गीकरण बन्द करो ,बन्द करो जैसे नारे लगाते हुए मुख्य मार्गो से रैली निकालकर तहसील कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन से पहले अशोक स्तंभ पर एक नुक्कड़ सभा भी की जिसमें एससी-एसटी के वरिष्ठ जनों ने अपने विचार रखते हुए क्रीमी लेयर और देश में व्याप्त जातिवादी सहित आरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। और कहां आरक्षण कोई गरीबी हटाओ योजना नहीं है बाबा साहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पूना में जो समझौता कराया था वही है। नहीं तो एससी एसटी वर्ग के लिए तो बाबा साहेब अंबेडकर गोलमेज सम्मेलन से दो वोट का अधिकार लेकर आए थे।
ज्ञापन में बताया गया कि बाबासाहेब के अथक संघर्ष से भारत के सविंधान में अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए अनुच्छेद 340 की धारा 15-4 एंव आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया हैं।आरक्षण की व्यवस्था 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति तथा 27 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्गों के लिए की गई है इसी के तहत इन वर्गों को शिक्षा एवं सरकारी नोकरियो में आरक्षण दिया जा रहा हैं। परंतु आज तक किसी भी सरकारी विभाग में पूर्ण रूप से आरक्षण का कोटा पूरा नही किया गया है।विगत 1 अगस्त 2024 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार को आदेशित किया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिलने वाले आरक्षण का राज्य सरकारें सर्वे कराए तथा इन जातियों में क्रीमीलेयर को छोटे और वर्गीकरण भी करे।महोदय इस आदेश से अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को काफी नुकसान होगा जातिगत आधार पर लोगो को बंटबारा होगा फिर भी आरक्षण का लाभ पूर्ण रूप से इन जातियों को नही मिलेगा।
1.जातिगत जनगणना कराई जाए।
2.अनुसूचित जाति एवं जन जातियों तथा पिछड़े वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों में पूरा किया जाए।
3.गैर सरकारी संस्थानों में भी आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए।
4. कॉलेजन सिस्टम खत्म करें।
5.जब तक अनुसूचित जाति,जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों से पूरा नही होता हैं।तब तक आरक्षण के इस प्रावधान को सविंधान को नोंवी सूची में डाल दिया जाए ताकि आरक्षण प्रावधान में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके। सहित कुल 31 मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा हैं।