खिलचीपुर। गत दिवस प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय खिलचीपुर द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन शुभ अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी अनिता बहन ने आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा आज हम सब श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाते है
परन्तु इसका अर्थ नही जानते जैसे हम श्री कृष्ण के अनेक नाम लेते हैं मनमोहन, चितचोर, माखन चोर है इसका अर्थ है मन को मोह लेने वाला, चित्त को चुराने वाला, मन को हर्षाने वाला। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण की सुन्दर सुन्दर झांकियां तैयार करते हैं परंतु यह नहीं जानते की श्री कृष्ण का जीवन झांकियां योग बना कैसे, झांकी अर्थात् स्वयं के अन्दर को झांकना चाहिए कि हमारी आत्मा इतनी सुंदर बनी है। हम श्री कृष्ण को सर्वगुण सम्पन्न 16 कला संपूर्ण कहते हैं क्योंकि उनके हर कर्म श्रेष्ठ है लेकिन हम यह नहीं देखते कि हम स्वयं चढ़ती कला में जा रहे हैं या गिरती कला में इस बात का चिंतन नहीं करते। वर्तमान समय इन देवी देवताओं की झांकियां हमे संदेश देती है कि हम भी अपने व्यवहार में विचारों में परिवर्तन लाए और उनके गुणों को अपने जीवन में धारण करे। कुमारी दिव्या, कुमारी पंखुड़ी ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया।