ओरछा। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक एवम धार्मिक नगरी ओरछा को और सुंदर एवम भव्य बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अरबों रुपया लगाकर रामराजा लोक का निर्माण कराया जा रहा है ताकि इस पावन एवम पवित्र नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं एवम पर्यटकों को कही भी कोई असुविधा ना हो।लेकिन अभी कुछ महीनो से नगर परिषद एवम स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार लोगो की वजह से नगर की सड़को पर जगह जगह चार पहिया वाहन खड़े रहने एवम ई रिक्शा चालक जहा देखो मन मर्जी से खड़े रहने एवम मुख्य सड़क किनारे हाथ ठेले जो खाने पीने का सामान बेचते है जिन पर शाम ढलते खाने बालो की भीड़ लगने से सड़को पर जाम लगा जाता है अब तो मंदिर प्रांगण में पानी टिक्की बेचने बालो की लाइन लगने लगी जिससे मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है इस प्रमुख समस्या पर किसी भी अधिकारी की नजर इस लिए नही जाती क्योंकि जब जिले के आला अधिकारी मंदिर आते है उसके पहले दर्जनों सिपाही जगह जगह खड़े होकर आवागमन चुस्त दुरूत रखते है उनके जाने के बाद नगर की सड़को पर अव्यवस्थाएं देखने को मिलती है इसकी कुछ वजह है जिन पर प्रशासन ध्यान नहीं देता है जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
“अस्थाई अतिक्रमण से होती है लोगो को परेशानी”
नगर की प्रमुख सड़को पर करीब दो दर्जन से ज्यादा छोटे छोटे होटल ( गेस्ट हाउस ) है लेकिन किसी के पास कोई स्वय की पार्किग ना होने से इन गेस्ट हाउसों के सामने वाहन खड़े रहते है साथ ही नगर की जो पार्किग है वहा वाहनों को खड़ा नही किए जाता है बल्कि ओरछा आने जाने वाले लोग जहां देखो वहां वाहन खड़ा करके चले जाते है साथ ही हाथ ठेले का भी यही हाल है ठेले संचालक शाम ढलते ही खाने पीने का सामान लेकर मुख्य सड़को के दोनो ओर लगा लेते ही जब खाने बालो की भीड़ आती हैं तो निकलने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दर्जनों कर्मचारी होने के बाद भी अव्यवस्था
वैसे तो रामराजा मंदिर प्रांगण में प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त रखा जाता हैं लेकिन अभी कुछ महीनो से मंदिर प्रांगण में बहुत सारी अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है मंदिर के पीछे दोनो तरफ अस्थाई गेट लगे है उन गेटो को समय समय खोला जाता है लेकिन अब हालात यह है कि गेट हमेशा ही खुले रहने से मंदिर प्रांगण में लोग सीधे मोटर साइकिल से आते है जिससे मंदिर प्रांगण में जब देखो तब मोटर साइकिल नजर आती है साथ ही पानी टिक्की लगाने वाले की संख्या बढ़ गई और फुटपाथ पर चादर डाल कर दुकान लगी होना अब आम बात हो गई जिससे मंदिर आने जाने में श्रद्धालुओ को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है इसे दुर्भाग्य ही कहा जाय जब मंदिर में दर्जनों कर्मचारी लाखो रुपया महीना वेतन के रूप में मंदिर से ले रहे है लेकिन मंदिर की व्यवस्थाओं को ना देख घर बैठकर वेतन ले रहे है जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है इस मंदिर अव्यवस्था के लिए जिला कलेक्टर जो की रामराजा मंदिर के प्रबंधक है एवम तहसीलदार जो मंदिर के व्यवस्थापक है उनको ध्यान देना चाहिए ताकि श्रद्धालुओ को होने बाली असुविधा से बचाया जा सके।