देपालपुर – जनपद पंचायत के अधीन आने वाली ग्राम पंचायत बिरगोदा के तालाब से मुरम निकाल कर हजारो डम्पर बेच डाले और अब इस मामले में पंचायत के अधिकारी कर्मचारी खुलकर बोलने को तैयार नही। प्रदेश सरकार पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही ही है।वही प्रदेश के मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव ने भी पर्यावरण व जल संरक्षण को लेकर काफी गम्भीर है जिसके लिए वे खुद प्रदेश में अभियान चलाकर नदी तालाब के अतिक्रमण हटाकर उन्हें गहरीकरण के लिए सतत सक्रिय है।
इन्होंने 5 जून से 16 जून तक जल गंगा संर्वधन अभियान प्रदेश में चलवाया जिसका कई जगह अच्छा प्रतिसाद मिला लेकिन कुछ जगह इसका फायदा पंचायत सचिव, सरपंच व अधिकारियों की मिलीभगत से तालाब से मुरम निकलवाकर बिकवा दी और जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो सचिव, सरपंच व अधिकारी सही बोल नही पा रहे। इस गोरख धंधे में सरकार से जुड़े लोग ही सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है ।
क्योकि देपालपुर क्षेत्र में खनन माफिया इतने सक्रिय है कि वह कलेक्टर के आदेश को भी ठेंगा दिखा रहे हैं जहां क्षेत्र में सारे नियम और कायदा को ताक पर रखकर खनन माफियाओं ने तालाब को खोदकर मिट्टी की जगह लाखो रुपये की कीमत की हजारों डंपर मुरम निकालकर बेच डाली जबकि प्रशासन द्वारा इस तालाब के गहरीकरण ओर खुदाई की परमिशन ही नही दी गई सूत्रों की माने तो पंचायत से मिलीभगत कर इन माफियाओं बिना परमिशन के भी तालाब गहरीकरण का नाम लेकर मुरम फोकलेन मशीनों से खुदवाकर बेच डाली। वही इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत सचिव विक्रम नागर कुछ बोलने को तैयार नही। वही ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने मौके पर जाना उचित नही समझा।सूत्रों की माने तो सरपंच अनुसुचित जाती की महिला होने से पूरी पंचायत उपसरपँच चला रहा है जो नियम के विरुद्ध है।
तालाब का पानी खाली किया गया – ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत द्वारा पूरी तैयारी कर पहले भरे तालाब को मोटर लगाकर खाली किया गया फिर पूरी सोची समझी रणनीति के तहत गहरीकरण के नाम पर बिना अनुमति के ही मिट्टी की जगह मुरम खोद दी गई।इस खुदाई से हो सकता है तालाब का पेंदा भी फुट गया हो शायद अब पूरे वर्ष पानी स्टोरेज न हो। वही तालाब की स्थिति इतनी बदतर कर दी कि लगता नही की यह तालाब की जगह खदान नजर आ रही है।क्योंकि 10 फिट के करीब खुदाई कर दी गई।
गर्मी के तहत भरा रहे पानी-दरअसल गर्मी के मौसम के चलते गांव गांव में पानी की किल्लत न रहे इसके लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जनभागीदारी से चिन्हित तालाब गहरीकरण के आदेश जारी किए गए थे जिसके चलते तालाबों की सिर्फ तीन फीट खुदाई होकर मिट्टी ही निकाली जा सकती थी और तो और इसके बदले किसानों से ₹50 ट्राली से लेकर डम्पर डेढ़ सौ रुपए पंचायत को रसीद काट कर राजस्व वसूल ने का ही आदेश था
जबकि बिरगोदा के इस तालाब की खुदाई की प्रशासन ने परमिशन ही नहीं दी थी
लेकिन इस बिरगोदा ग्राम पंचायत में नियमों के विरुद्ध नियमों को ताक पर रखकर किसानों को 1500 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक की मोटी रकम वसूल कर खनन माफियाओं ने शासन को चूना लगाते हुए मोरम बेच डाली।यहां तक कि नियमानुसार गांव के तालाब की मिट्टी गांव के खेतों में ही डलेगी।लेकिन गांव तो क्या देपालपुर,बनेडिया, गोकलपुर,गौतमपुरा सहित नगर की कालोनियों में मुरम पहुंच गई व भराव कर दिया।यहां तक की इन खनन माफियाओं ने जिले के जनप्रतिनिधि तक को बट्टा लगाना नहीं छोड़ा
उन्होंने जनप्रतिनिधि से भी 1500 रुपये प्रति डंपर की राशि वसूल कर मुरम बेच डाली ।
आदेश जारी किये गए- इंदौर जिला प्रशासन ने संपूर्ण इंदौर जिले में दो बार चुनिंदा तालाब गहरीकरण के आदेश जारी किए लेकिन उन आदेशों में देपालपुर के बिरगोदा तालाब का नाम कहीं से कहीं तक नहीं था बावजूद उसके इस तालाब की गहरीकरण के नाम पर खुदाई कर दी गई ।बिना अनुमति के तालाब खुदकर हजारो डम्पर मुरम निकल जाना व क्षेत्र के जनपद सीओ,इंजीनियर व माइनिंग वालो को पता नही चलना कहि मिलीभगत तो नही है। जबकि तालाब में से मुरम निकलने की शिकायत जिला पंचायत सदस्य ने लिखित में जिला पंचायत सीओ को भी की थी लेकिन खनन माफियो को रोकने की बजाय जनपद पंचायत ने 24 मई 24 को पत्र लिख दिया ग्राम पंचायत को।चार दिन काम रोकने के बाद फिर धडल्ले से रात दिन 24 घण्टे चलता रहा।
इनका कहना – जब इस पूरे मामले पर देपालपुर जनपद पंचायत के सीईओ एम एल वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि मात्र 3 फीट गहरीकरण का ही आदेश है अब इससे ज्यादा खुद गया है तो जांच टीम गठित कार्यवाही करेंगे लेकिन सवाल यह उठता है कि जब इस बिरगोदा तालाब का जिला प्रशासन ने गहरीकरण का आदेश ही नहीं दिया तो जनपद पंचायत के जिम्मेदार 3 फीट भी गहरीकरण के लिए कैसे बोल रहे है।
मेने 1700 व 1800रुपये में 70 से ज्यादा डम्पर डलवाये। ग्राम पंचायत की तरफ से न कोई रसीद दी गई और नही कोई यहां मौजूद था। यहां तो कोई ट्राली भरने को तैयार नही था। मुकेश ठाकुर ग्रामीण
मेने गांव वालों के कहने पर खुदाई कराई व किसान ही मिट्टी ले गए। में तो विकास कर रहा हु कुछ लोगो को मेरा काम करना अच्छा नही लगा।क्योकि पंचायत में चला रहा हु।
सुदीप ठाकुर उपसरपंच
में इस मामले में कुछ नही बोलना चाहता आप उपसरपँच से बात कर लो। विक्रम नागर सचिव ग्राम पंचायत
अगर बिना अनुमति के तालाब खुदाई कर मुरम बड़ी मात्रा में निकाली गई तो जांच कराकर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही करेगे। आशीष सिंह कलेक्टर इंदौर