पिता का निधन किसी भी पुत्र के लिए जीवन की सबसे बड़ी क्षति होती है, इस सब के बीच अपने आप को स्थिर रख पाना काफी मुश्किल होता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मुश्किल समय में भी स्वयं को संयत रखते हुए प्रशासनिक कार्य करते हुए पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म निभाने में जुटे हुए हैं। बुधवार शाम मुख्यमंत्री के पिता की अंत्येष्टि उज्जैन के शिप्रा तट पर हुई। इस दौरान भी सीएम प्रदेश की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रहे। उन्होंने जहां कई मामलों को लेकर बुधवार को कलेक्टरों से बाचतीत की वहीं आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शिक्षक दिवस और सीआईडीसी आईसीसी कॉन्फ्रेंस में वर्चुअली भागीदारी करेंगे।
सीएम अधोसंचरना निर्माण के क्षेत्र में नवाचारों का समावेश विषय पर संगोष्टी के प्रतिनिधियों को वर्चुअली संबोधित करेंगे। कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री छेवलपमेंट काउंसिल द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में देशभर के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जिनमें कई स्टार्टअप प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इसके अलावा सीएम भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भी वर्चुअली रूप से जुड़ेंगे।
इससे पहले सीएम ने बुधवार को उन्होंने ग्वालियर, धार, झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर झाबुआ को निर्देश दिए कि जो दो बच्चियां बह गईं उनके परिवार को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो यह भी ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रामा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो इस संबंध में सतर्कता रखी जाए।