सारनी- विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने के नेतृत्व मे यूनियन का प्रतिनिधि मंडल सतपुडा ताप विद्युत गृह के चिकित्सालय की समस्याओं को लेकर आमला सारनी विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे से बैतूल में मिला। इस संबंध में अनेक ज्ञापन मुख्य अभियंता मानव संसाधन एवं प्रशासन जबलपुर को संबोधित मुख्य अभियंता सारनी के माध्यम से पूर्व में दिये गये हैं।सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी चिकित्सालय में लंबे समय से डाक्टरों की कमी है। साथ ही स्त्री एवं शिशु रोग विशेषज्ञ की भी कमी है। इस संबंध में विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे विस्तार से मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह से चर्चा की और पत्र भी लिखा ।पर्याप्त डॉक्टरो की कमी से प्रभावित कर्मचारी अधिकारी बिना रेफर किए अपने परिवार का उपचार करने बैतूल, भोपाल और नागपुर चले जाते हैं। स्वीकृत 8 पद है डॉक्टर के लेकिन,वर्तमान मे एक नियमित डॉक्टर और एक कांट्रेक्ट बेस पर महिला चिकित्सक है।
यूनियन के संज्ञान में आया है कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी एक मई 2024 से चिकित्सा अवकाश पर है। ऐसी परिस्थिती में कंपनी प्रबंधन ने श्रीसिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया , रानी अवंतीबाई जल विद्युत गृह बरगीनगर , संजय ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर से डाक्टर्स की सेवा सारनी के चिकित्सालय में उपलब्ध कराई । प्रशासन को संगठन की ओर से बधाई, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। उल्लेखनीय है कि सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ईकाई स्थापित होने जा रही है। ऐसे में स्थानीय चिकित्सालय में परमानेन्ट पर्याप्त डॉक्टर्स की पदस्थापना क्यों नहीं हो पा रही है। संगठन को ज्ञात हुआ है कि कंपनी के चिकित्सकों को नान प्रेक्टिस अलाउंस कम दिया जाता है। सातवें वेतनमान के अनुसार केंद्र शासन अपने चिकित्सकों को मूल वेतन का 20 प्रतिशत नान प्रेक्टिस अलाउंस देता है। छतीसगढ़ विद्युत मंडल 25 प्रतिशत नान प्रेक्टिस अलाउंस देता है। यही कारण है कि नये डाक्टर सारनी में आना नही चाहते हैं। चिकित्सालय में ऐसी गंभीर समस्या पिछले 40 वर्षो में कभी नहीं रही।आज के समय में एक फिजीयोथेरेपिस्ट भी आवश्यक है। इस अवसर पर योगेन्द्र ठाकुर, पुनीत भारती , मुरारीलाल मालवीय , बद्री प्रसाद सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।