गीलारोपा के उप सरपंच ने की प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत
अशोकनगर। जिले में मनरेगा के तहत जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। मनरेगा अधिकारी पूरी तरह से मूकदर्शक बने हुए हैं जिससे फर्जी तरीके से मस्टर पर मजदूर चढ़ाए जा रहे हैं। इस संबंध में ताजा मामला मुंगावली जनपद पंचायत क्षेत्र की आने वाली ग्राम पंचायत गीलारोपा से सामने आया है। ग्राम पंचायत के उप सरपंच अजब सिंह कटारिया के साथ बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की है जिसमें उन्होंने बताया है कि ग्राम पंचायत गीलारोपा के सरपंच द्वारा पंचायत में निर्माण कार्यों की मजदूरी की रुपया सरपंच व रोजगार सहायक मिलकर निकाल लेते हैं। गांव के किसानों की किसान सम्मान निधि का रुपया भी इनके द्वारा निकाला जाता है क्योंकि मजदूरी के खाते इन्हीं लोगों ने खोल रखे हैं जिनके एटीएम, पासबुक भी सरपंच व रोजगार सहायक के पास रखे हुए हैं। जब भी मजदूर अपने एटीएम और पासबुक मांगते हैं और मजदूरी का पैसा मांगते हंै तो झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हैं। कुछ दिन पहले ही मजदूरी का रुपया मांगने पर सरपंच ने दो लोगों पर झूठा प्रकरण दर्ज करवा दिया था। सरपंच और रोजगार सहायक बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करते हैं। लाडली योजना का पैसा भी निकाल लेते हैं। करीब चार लाख 7 हजार रुपये 20 मार्च 2024 को निकाले गए हैं।
स्टॉप डेम का काम पूरा, उसी में काम कर रहे मजदूर
सेमरा पहाड़ में स्टॉप डेम का काम पूरा हो चुका है जबकि कागजों में इस पर मजदूर काम करते हुए दिखाए जा रहे हैं। शनिवार को मनरेगा पोर्टल पर ग्राम पंचायत सेमरा पहाड़ में 97 मजदूर काम करते हुए दिखाए गए थे जबकि मौके पर मजदूर नहीं मिले। इस संबंध में जब जीआरएस मनमोहन यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि आज सरपंच साहब नहीं थे और मेरी भी तबियत ठीक नहीं है इस कारण आज लेबर नहीं लगाई। साथ ही उन्होंने कहा कि डिमांड कभी भी डाल सकते हैं काम न होने पर इसे जीरो कर दिया जाता है। वहीं इस संबंध में जब अशोकनगर जनपद पंचायत में पदस्थ एपीओ जितेन्द्र श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने मीटिंग में होने की बात कही।
इंजीनियर-एपीओ की मिलीभगत से चल रहा फर्जीवाड़ा
मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में ग्राम पंचायत से संबंधित पंचायतकर्मी तो गड़बड़ करते ही हैं सबसे बड़ी बात यह है कि इन कार्यों की मॉनीटरिंग करने वाले उपयंत्री, एसडीओ सहित मनरेगा अधिकारी जानबूझकर इस ओर ध्यान नहीं देते हैं जबकि मनरेगा कार्यों को कराने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं अधिकारियों की रहती है कि किस काम में कितने मजदूरों की जरूरत होगी, क्या काम किया जाएगा, इस बारे में इंजीनियर ही दिशा-निर्देश देते हैं अन्य अधिकारी भी इन कार्यों का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचते हैं लेकिन जिले में इंजीनियर, एसडीओ और मनरेगा अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर ही मॉनीटरिंग कर रहे हैं जिससे फर्जीवाड़ा आसानी से हो रहा है। यदि अधिकारी मौके पर जाकर देखें तो अनियमितताएं सामने आ सकती हैं।
इनका कहना है।
आज मनरेगा के तहत कोई काम नहीं हो रहा है। अभी दूसरे कार्यों में व्यस्त हैं इस कारण मनरेगा के कामों पर ध्यान नहीं दे पाया है। – राजेश नीखरा (सब इंजीनियर, जनपद अशोकनगर)
गीलारोपा की शिकायत हुई है जानकारी हमारे संज्ञान में आ चुकी है इसकी जांच कराएंगे। – रामदयाल जाटव (एपीओ, जनपद मुंगावली)