Monday, December 23, 2024
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चंदेरी- चंदेरी पुलिस ने किया जनसंवाद, थाना परिसर में आम जन को दी कानून के नए प्रावधानों की जानकारी ।

चंदेरी- नगर के थाना परिसर में नागरिकों को कानून के नए प्रावधानों की जानकारी देने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जिसमें मुख्य रूप से एडीजेपी शहाबुद्दीन हाशमी, न्यायाधीश रीतिका मिश्रा पाठक व्यवहार न्यायाधीश, न्यायाधीश सुश्री मानसी अग्निहोत्री सहित एसडीओ  शैलेंद्र शर्मा व थाना प्रभारी मनीष जादोन, प्रभारी तहसीलदार दिलीप दरोगा द्वारा उपस्थित नगर के जनप्रतिनिधिगण में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष आलोक तिवारी, नगर मंडल अध्यक्ष पूरन सोनी, जनपद अध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह बुंदेला सहित गणमान्य नागरिक, व्यापारीगण, सहित मीडिया कर्मीयों से नवीन आपराधिक कानून के बारे में विशेष रूप चर्चा की।

बताया गया कि 1 जुलाई 2024 से भारत में नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं,  इनमें भारतीय नारी, मासूम बच्चों, बुजुर्गों को विशेष शक्तियां प्रदान की गई है। भारत के तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) – सोमवार (1 जुलाई) से लागू, IPC बदलकर भारतीय न्याय संहिता हुई, इसी तरह हत्या, रेप, डकैती, चोरी समेत हर धारा का नंबर भारतीय न्याय संहिता में बदल गया है। आईपीसी की दफा 302 बदलकर भारतीय न्याय संहिता में धारा 103 हो गया है। इसी तरह से तमाम बदलाव हुए हैं और बदले कानून के तहत ही अब एक जुलाई से मुकदमा दर्ज होगा और उसी के हिसाब से केस चलेगा। लेकिन पहले से दर्ज मामले और उसका मुकदमा वैसे ही चलता रहेगा जैसा चल रहा है। क्रिमिनल लॉ में बदलाव के साथ ही आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम जगह लेगी। नए कानून में राजद्रोह को जगह नहीं मिली है लेकिन टेरर एक्ट, संगठित अपराध को भारतीय न्याय संहिता में शामिल किया गया है। मौजूदा आईपीसी में 511 धाराएं हैं जबकि नए कानून यानी बीएनएस में 357 धाराएं हैं। करीब 175 धाराओं में बदलाव किया गया है। पुराने औपनिवेशिक काल के कई शब्दावली को हटा दिया गया है। ऐसे करीब 475 शब्दों को डिलीट किया गया है, जिनमें लंदन गजट, ज्यूरी, हर हैनिस आदि शामिल हैं। मॉब लिंचिंग के लिए अलग से प्रावधान किया गया है और मौत की स्थिति में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून में शादी का वादा कर संबंध बनाने को रेप के दायरे से बाहर अलग अपराध बनाया गया है। साथ ही 12 साल तक की बच्ची से रेप में फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं नए कानूनों में पीड़ितों को जहां जल्द से जल्द न्याय मिल सके, इसका प्रावधान किया गया है,  कानून को विक्टिम सेंट्रिक भी बनाया गया है। इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित रहे।

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