पटीर नदी से रेत लाने वालों ने खेतों को ही बना लिया सड़क
सिंगरौली जिले में खुद की जमीन से रेत का परिवहन रोकने गए आदिवासी किसान की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई। आरोपी ड्राइवर ट्रैक्टर छोड़कर मौके से भाग निकला। मामला बरका चौकी क्षेत्र के गन्नई गांव में रविवार रात का है।
पुलिस के मुताबिक, मृतक किसान की पहचान इंद्रपाल अगरिया (46) के रूप में हुई है। रेत कारोबारियों से जुड़े लोग गन्नई गांव से निकलने वाली पटीर नदी से रेत का उत्खनन कर इंद्रपाल के खेत से जबरदस्ती ट्रैक्टर निकाल रहे थे। खेत में लगी धान की फसल को खराब होता देख इंद्रपाल ने आपत्ति जताई तो आरोपियों ने उसे ट्रैक्टर से कुचल दिया।
उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इंद्रपाल के बड़े भाई सुरेश अगरिया ने कहा, गांव में ही रहने वाले लाले वैश्य और उनके साथी हमारे खेत और जमीन से लगातार रेत का अवैध परिवहन करते हैं। इससे फसल खराब होती है। कई बार उनसे ट्रेक्टर निकालने के लिए मना किया लेकिन वे नहीं माने। रविवार रात को भी आरोपी खेत से ट्रैक्टर निकाल रहे थे। करीब 8 बजे भाई इंद्रपाल वहां पहुंचा। ट्रैक्टर निकालने से मना किया तो उसे कुचलकर मार डाला।
एसपी ने कहा- पोस्टमार्टम के बाद होगी कार्रवाई
एसपी निवेदिता गुप्ता ने बताया कि घटना रात की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह पता चल सकेगा कि हत्या है या दुर्घटना। ट्रैक्टर मालिक लाले को हमने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि ड्राइवर लाले कौल अभी पुलिस पकड़ से दूर है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा ने कहा, वीडियो देखकर समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इंद्रपाल की मौत कैसे हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
कमलनाथ से सोशल मीडिया पर डाला वीडियो
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर घटना से जुड़ा वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि एमपी में आदिवासी अत्याचार की एक और जघन्य घटना, सिंगरौली जिले के गन्नई गांव के गरीब आदिवासी इंद्रपाल अगरिया के ऊपर बीती रात्रि में रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर चढ़ाया जिससे आदिवासी भाई की मौत हो गई। यह अत्याचार कब रुकेगा। जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्य प्रदेश में अंतहीन हो चुके आदिवासी उत्पीड़न की एक और सनसनीखेज घटना अब सिंगरौली में सामने आई है। ये आरोपी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं। इलाके में सालों से अवैध उत्खनन कर रहे हैं।