मप्र में लगातार बारिश का दौर जारी है। लेकिन यह बारिश अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। कल भारी बारिश के बीच रीवा जिले में स्कूल से लौट रहे बच्चों पर जर्जर दीवार गिर गई थी, जिसमें चार मासूमों सहित एक महिला की मौत हो हुई थी । इस घटना के चंद घंटों बाद ही रविवार सुबह मप्र में एक और दर्दनाक हादसा हो गया। सागर के शाहपुर में शिवलिंग निर्माण में जुटे बच्चों पर जर्जर भवन की दीवार गिर गई, जिससे 9 बच्चों की मौत हो गई। इस घटना के बाद क्षेत्र में मातम छा गया।
सागर जिले के शाहपुर में रविवार की सुबह हरदौल मंदिर में ह्रदय विदारक घटना में 9 बच्चों की मौत हो गई। सावन मास में मंदिर में श्रद्धालु पार्थिव शिवलिंग बना रहे थे, बच्चे भी शिवलिंग बनाने के लिए यहां पर पहुंचे थे तभी अचानक से मंदिर के बाजू में स्थित जर्जर भवन की दीवार गिर गई, जिसकी चपेट में बच्चे आ गए। बच्चों को मलबे में से निकाल कर शाहपुरा के स्वास्थ्य के केंद्र भेजा गया, जहां पर इनकी मौत हो गई। कुछ बच्चे घायल भी हैं, जिन्हें शाहपुर के स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। विधायक व पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे। नगर परिषद कर्मचारी, पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर रेस्क्यू शुरू किया।
मरने वालों में ज्यादातर बच्चे 8 से 14 साल के
हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ। अवकाश का दिन होने की वजह से शिवलिंग बनाने के लिए बच्चे भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे। वे सुबह जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर परिसर के बाजू वाली करीब पचास साल पुरानी एक दीवार भराभराकर गिर गई। यह दीवार शिवलिंग बना रहे बच्चों के ऊपर सीधी गिरी, जिससे आठ बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें ज्यादातर बच्चे 8 से 14 के हैं। तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसके नीचे और दबे बच्चों को निकाला गया। इसमें दो बच्चे गंभीर घायल हैं।
सीएम ने जताया दुख, 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाहपुर हादसे पर दुख जताया है। सीएम ने एक्स पर लिखा कि मासूम बच्चों के काल कवलित होने की खबर सुनकर मन व्यथित है। जिन परिवारों ने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति गहरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। घायल बच्चों के इलाज के लिए प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
50 साल पुरानी थी दीवार
मंदिर परिसर के बाजू में पचास साल पुरानी यह दीवार जर्जर हो चुकी थी। इसके बाद भी इसे गिराया नहीं गया। सागर में भारी वर्षा हो रही है। ऐसे में कच्चे व जर्जर मकानों को खतरा बना है। मंदिर के पास मिट्टी की दीवार भी लगातार वर्षा के कारण गिर गई, जिससे यह हादसा हो गया।
डॉक्टर न मिलने से आक्रोश
हादसे के बाद लोग घायलों को लेकर शाहपुर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले।एक कर्मचारी यहां मौजूद था। इसको लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। कहा कि अस्पताल में जब बच्चों को लाया गया तो यहां मरहम-पट्टी करने वाला भी मौजूद नहीं था।