जबलपुर: केन्द्रीय सुरक्षा संस्थान में भीषण हादसा
भारतीय सेना के लिए गोला बारूद बनाने वाली म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड की जबलपुर स्थित सबसे बड़ी इकाई आयुध निमार्णी खमरिया (ओएफके) में मंगलवार की सुबह भीषण विस्फोट हो गया। विस्फोट में निर्माणी के फिलिंग अनुभाग-6 की बिल्डिंग नंबर 201 पूरी तरह से धराशाही हो गई। वहीं इस हादसे में एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी घायल हो गए। जिसमें से तीन काफी गंभीर हैं। वहीं एक कर्मचारी की मृत्यु होना बताया जा रहा है। घायलों को पहले खमरिया अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें, निजी अस्पताल रेफर किया गया है।
तीन गंभीर घायलों को एयर लिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह ओएफके के एफ-6 सेक्शन की बिल्डिंग नंबर 201 में पुराने (पिच्योरा) एरियल बमों को बॉयल्ड ऑउट कर बारूद निकाला जा रहा था। सूत्रों की मानें तो पुराने बमों के बारूद को भाप में गर्म किया जाता है। इसी दौरान तेज धमका हुआ और बिल्डिंग धराशाही हो गई। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि निर्माणी के साथ ही साथ कई किलोमीटर की दूरी में धमाके महसूस किए गए। निर्माणी के क्वार्टरों सहित आसपास के रहवासी क्षेत्रों बिल्डिंग हिल गई।
हूटर बजते ही मची भगदड़
बताया जाता है कि, विस्फोट होते ही निर्माणी में अलर्ट हूटर बजने लगे। धमाके के बाद निर्माणी में बजे हूटरों से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। कर्मचारी सेक्शनों के बाहर आ गए। कुछ ही देर में पूरे कैंपस में दमकल वाहन व एम्बुलेंस के सॉयरन गूंजने लगे। घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचे दमकल कर्मी भी वहां का नजारा देख दहल गए। आनन-फानन में मलबे में दबे कर्मचारियों को बाहर निकालने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
भवन में मौजूद सभी कर्मचारियों को आई चोट
सूत्रों की मानें तो एफ-6 सेक्सन क्रमांक 201 विस्फोट के दौरान लगभग 12 से 13 कर्मचारी मौजूद थे। जिसमें से रणधीर कुमार, श्याम सिंह, चंदन खून से लथपथ मिले। सूत्रों की मानें तो उक्त कर्मचारी सीधे तौर पर बारूद की चपेट में आने से काफी बुरी तरह झुलस गए थे। उक्त तीनों कर्मचारियों को तत्काल ओएफके अस्पताल से निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहीं रणधीर कुमार, कुमार गौतम, सुनील कुमार, उमेश, प्रवीण पटेल, कृष्णा पॉल, राम, एसके मंडल का उपचार खमरिया अस्पताल में ही चल रहा है।
कई कर्मचारियों के दबे होने की आशंका
चिकित्सकों ने बताया कि महाकौशल हॉस्पिटल रेफर किया गया है उनके नाम है श्यामलाल और रणधीर है। दोनों की हालत गंभीर है, जिन्हें कम चोट लगी है उनका भी उपचार किया जा रहा है। वहीं मलबे में कई कर्मचारियों के दबे होने की आशंका। राहत बचाव कार्य जारी है।
5 किमी दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज
ब्लास्ट के बाद आयुध निर्माणी खमरिया से लगे करीब 5 किलोमीटर के क्षेत्र में ऐसा लगा जैसे कि भूकंप आ गया हो। लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। मानेगांव, चंपानगर, नानक नगर में रहने वाले लोगों ने भी ब्लास्ट की आवाज सुनी। मानेगांव में रहने वाले मनोज थरेजा का कहना है कि पहले ऐसा लगा कि जोरदार भूकंप आ गया हो, इसके बाद पता चला कि फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ है।