शरीर के कई अंगों के विकास में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एस्ट्रोजेन
कान एक बेहद नाजुक अंग है। सभी अंगों की तरह इसका भी हेल्दी बने रहना बहुत जरूरी है। कभी-न-कभी आपके कान में खुजली हुई होगी, आपने खुजलाया होगा और बात आई-गई हो गई होगी। क्या आपको पता है कि कान में ज्यादा खुजली होना हॉर्मोनल फ्लक्चुएशन का भी संकेत हो सकता है।
आमतौर पर ऐसी कंडीशन मीनोपॉज के समय होती है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन लेवल बहुत कम हो जाता है। एस्ट्रोजेन बुनियादी रूप से एक सेक्स हॉर्मोन है। यह मुख्य रूप से महिलाओं की सेक्शुअल हेल्थ और रीप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जरूरी माना जाता है। हालांकि पुरुषों के शरीर में भी एस्ट्रोजेन बनता है, लेकिन अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा में। एस्ट्रोजेन शरीर के कई अंगों के विकास में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर के सभी अंगों में मॉइश्चर और सॉफ्टनेस भी बनाए रखता है। यही कारण है कि एस्ट्रोजेन लेवल घटने पर कान में रुखापन होने से खुजली होने लगती है।
एस्ट्रोजेन शरीर के लिए कितना जरूरी?
एस्ट्रोजेन दूसरे सभी हॉर्मोन्स की तरह शरीर के लिए केमिकल मैसेंजर की तरह है। इसके मैसेज के मुताबिक शरीर अपने कामकाज में बदलाव करता है। एस्ट्रोजेन के मैसेज के मुताबिक ही फीमेल्स में प्यूबर्टी और शारीरिक बदलाव होते हैं। इसके अलावा भी यह शरीर के कई फंक्शंस के लिए जरूरी है।
क्या है Low एस्ट्रोजेन लेवल की पहचान?
एस्ट्रोजेन लेवल कम होने पर लड़कियों में प्यूबर्टी आने में देर हो सकती है। पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है। इससे फर्टिलाइजेशन पर भी असर पड़ सकता है। नई स्टडीज के मुताबिक, कान में खुजली और स्किन में रूखापन भी कम एस्ट्रोजेन लेवल का इशारा हो सकता है।
एस्ट्रोजेन लेवल कम होने हो सकती हैं ये मुश्किलें?
एस्ट्रोजेन हॉर्मोन्स सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ से लेकर शरीर के कई फंक्शंस के लिए जरूरी होते हैं। इसका लेवल कम होने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं क्योंकि हड्डियों के विकास और उनकी डेंसिटी मेन्टेन करने में इनकी अहम भूमिका है। हड्डियां कमजोर होने से बार-बार बोन फ्रैक्चर हो सकता है। इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस भी हो सकता है। शराब पीने से एस्ट्रोजेन लेवल बढ़ सकता है। लंबे समय तक एस्ट्रोजेन लेवल बहुत अधिक रहने से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए शराब बिल्कुल न पिएं या फिर बहुत सीमित मात्रा में पिएं। सरसों का तेल, सीड्स और मछली में पाया जाने वाला फैट सेहत के लिए अच्छा होता है। इनके सेवन से हॉर्मोन संतुलन में मदद मिल सकती है।