कैंसर मरीजों के लिए यह उम्मीद भरी खबर है। प्रदेश के कैंसर चिकित्सक जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से स्तन, लिवर, फेफड़े सहित करीब 14 तरह के कैंसर का कम से कम समय में पता लगा लेंगे। इससे इससे कैंसर की गंभीर स्थिति को रोका जा सकेगा। इस दिशा में एम्स, भोपाल और हमीदिया में काम शुरू हो गया है।
एआई की मदद से कैंसर की जांच मौजूदा टेस्ट से 5 गुना जल्द हो सकेगी। साथ ही खर्च भी कम आएगा। सबसे बेहतर रिजल्ट प्रोस्टेट कैंसर के मामले में मिलेगा। जिसमें 98 फीसदी सटीक परिणाम मिलने लगेंगे। हमीदिया अस्पताल और एम्स भोपाल जैसे सरकारी संस्थानों के अलावा राजधानी के कई निजी अस्पतालों में भी एआई का इस्तेमाल बेहतर इलाज की संभावनाएं तलाशने में हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल से पैथालॉजिकल
जांच और इलाज में सहूलित मिली है।
ब्रेस्ट कैसर की जांच को मंजूरी
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने थर्मल इमेजिंग और अक के जरिए ब्रेस्ट कैंसर की जांच के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस नई तकनीक को प्रदेश के 351 स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज की व्यवस्था शुरू की जा रही है।
इस दिशा में भी काम
एआई हृदय मॉनीटर जैसे चिकित्सा उपकरणों के संकेतों को जल्द ट्रैक कर लेता है। राजधानी के कई चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टर एआई की क्लाउड सुविधा से हाईरिजॉल्यूशन वाली थ्रीडी तस्वीरें साझा करके रियल टाइम पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से चिकित्सकीय परामर्श कर रहे हैं।
इस शोध ने जगाई और उम्मीद
शोध पत्र बायोलॉजी मेथड्स एंड जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में डीएनए मिथाइलेशन पैटर्न को खोजने और कैंसर की पहचान के लिए एक विशेष मॉडल तैयार किया गया है। यह डीएनए के पैटर्न में बदलाव से बीमारी को पकड़ लेता है। दरअसल शरीर में कोई बीमारी होने पर कई बदलाव आते हैं। वहीं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और इंपीरियल
कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एआई मॉडल को ‘डीएनए मिथाइलेशन’ पैटर्न को देखने और 13 विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया, जिसमें स्तन, यकृत, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर शामिल हैं। यह मॉडल गैर-कैंसर वाले टिश्यू से 98.2% सटीकता के साथ कैंसर की पहचान कर सकता है।