Sunday, December 22, 2024
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महिलाओं की तरह पुरुषों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर

आमतौर पर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होता है 50 की उम्र के बाद ही

आमतौर पर यह माना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को होने वाली बीमारी है, लेकिन ये सच नहीं है। अन्य कैंसरों की तरह ब्रेस्ट कैंसर भी महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है। हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ये काफी रेयर है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, भारत के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में 10 सालों तक ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों पर स्टडी की गई।

जनवरी, 2005 से दिसंबर 2014 के बीच इस स्टडी में कुल 1752 मरीजों को शामिल किया गया। 1752 मरीजों में मेल ब्रेस्ट कैंसर के सिर्फ 18 मामले थे। इन मरीजों की औसत उम्र 60 वर्ष थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मेल ब्रेस्ट कैंसर काफी रेयर बीमारी है। कुल ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में इसके मात्र 0.5-1% केस दर्ज किए जाते हैं। लेकिन फिर भी इस बारे में जानकारी होनी बहुत जरूरी है। मेल ब्रेस्ट कैंसर में पुरुषों के ब्रेस्ट टिश्यू में कैंसर सेल्स डेवलप होने लगते हैं। ये सेल्स तब डेवलप होते हैं, जब ब्रेस्ट टिश्यूज की सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।

आमतौर पर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर 50 की उम्र के बाद ही होता है। वुमन ब्रेस्ट कैंसर की तरह ही मेल ब्रेस्ट कैंसर भी कई तरह के होते हैं। इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा: ये सबसे कॉमन ब्रेस्ट कैंसर है। ये कैंसर ब्रेस्ट की डक्ट्स यानी नलिकाओं में शुरू होता है और ब्रेस्ट के आसपास के टिश्यूज पर हमला करता है। यह आसपास के दूसरे टिश्यूज में भी फैल सकता है। लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर: यह ब्रेस्ट कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। इसे इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा या (ILC) भी कहा जाता है। यह ब्रेस्ट के लोब्यूल्स यानी ब्रेस्ट ग्लैंड्स में डेवलप होता है और फिर आसपास के टिश्यूज पर हमला करता है। डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS): ये ब्रेस्ट कैंसर का एक शुरूआती फेज है।

इस कंडीशन में कैंसर सेल्स ब्रेस्ट डक्ट्स तक ही सीमित रहती हैं और आसपास के टिश्यूज पर हमला नहीं करती हैं। इसके अलावा मेल ब्रेस्ट कैंसर के दुर्लभ प्रकारों में इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर भी हो सकता है। मेल ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण लगभग फीमेल ब्रेस्ट कैंसर की तरह ही होते हैं। मेल ब्रेस्ट कैंसर ज्यादातर खराब लाइफस्टाइल और जेनेटिक कारणों से होता है। ब्रेस्ट में गांठ तब बनती है, जब हेल्दी सेल्स कैंसर सेल्स में बदल जाती हैं। हेल्दी सेल्स के विपरीत कैंसर सेल्स तेजी से बढ़ती हैं। ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. समित पुरोहित बताते हैं कि मेल ब्रेस्ट कैंसर का इलाज महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर की तरह ही होता है। समय पर इलाज मिलने पर मेल ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

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