समय पर इलाज न मिलने पर मरीज के कोमा में जाने के चांस ज्यादे
ब्रेन ट्यूमर ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसका डायग्नोस्टिक करने में थोड़ी देर हो जाती है। समय पर सही इलाज नहीं मिला तो मरीज कोमा में जा सकता है या मौत भी हो सकती है। दिमाग (ब्रेन) में होने वाले कैंसर को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। वर्तमान समय में इसका आसानी से इलाज भी संभव है। यह मुख्यत: जेनेटिक बीमारी है
न्यूरो स्पेशलिस्ट ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के अलग-अलग चार स्टेज होते हैं। पहला दूसरा नॉर्मल होता है, वहीं तीसरा और चौथा स्टेज खतरनाक साबित हो सकता है। समय पर डायग्नोस्ट कर इसके इलाज से मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है। इसकी जांच में 10 से 50 हजार तक खर्च आती है। वहीं ऑपरेशन में 2 से 5 लाख रुपए तक खर्च आता है। आयुष्मान कार्ड में इस बीमारी का पैकेज उपलब्ध है।
सिटी स्कैन और एमआरआई में इसकी पहचान हो जाती है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। इलाज के बाद व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ्य हो सकता है। सामान्य रूप से ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार का होता है, पहला कैंसर युक्त और दूसरा कैंसर रहित। कुछ ब्रेन ट्यूमर बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं, तो कुछ ट्यूमर का विकास बहुत तेजी से होता है। ब्रेन में जब ट्यूमर अधिक विकसित हो जाता है तो ब्रेन के अंदर दबाव बढ़ने लगता है। ऐसे में आपके ब्रेन को नुकसान पहुंच सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीज कोमा में जा सकता है। लकवाग्रस्त हो सकता है। याददाश्त जाने और आंखों की रोशनी कम होने की भी शिकायत आती है। इसके प्रमुख लक्षण सिर दर्द के साथ उल्टी होना है।
यह बीमारी जेनेटिक, वातावरण और रेडिएशन के कारण हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण जैसे आक्रामकता, भ्रम, बदला हुआ व्यवहार और लगातार सिरदर्द मस्तिष्क ट्यूमर के संभावित खतरे का संकेत हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य अनियंत्रित वृद्धि है। ये घातक (कैंसरयुक्त) या अघातक (गैर-कैंसरयुक्त) हो सकते हैं। डॉ. के चंद्रशेखर, वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोसर्जन, अपोलो कैंसर इंस्टीट्यूट्स ने बताया, ब्रेन ट्यूमर अक्सर मनोरोग संबंधी लक्षणों की तरह दिखते हैं, जैसे आक्रामकता, भ्रम, बदला हुआ व्यवहार, समझ में कमी के कारण अप्रासंगिक भाषण, उदासीनता, भावनात्मक अस्थिरता या दिशाहीनता। इन लक्षणों की जटिलता यह बताती है कि गंभीर मानसिक स्थितियां ब्रेन ट्यूमर के संभावित संकेतक हो सकती हैं। डॉ. केर्सी चावड़ा, सलाहकार मनोचिकित्सा, पी.डी. हिंदुजा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, माहिम ने बताया कि अक्सर मस्तिष्क ट्यूमर के संकेत और लक्षण मानसिक बीमारी की नकल करते हैं।