अर्जुन की छाल में पाया जाने वाला ट्राइटरपेनॉइड हेल्थी रखता है हार्ट को
अर्जुन की छाल औषधीय गुणों से भरपूर है। इसका सबसे अधिक उपयोग काढ़ा बनाने में किया जाता है। इसके काढ़े में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। इस लिए यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है। यह डायबिटीज, इंफेक्शन, संक्रमण, गले की खराश, सर्दी-जुकाम जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में कारगर है।
अर्जुन का वृक्ष नदी-नाले के आसपास उगता है। जिसकी ऊंचाई 30- 40 फीट तक हो सकता है। इसका फल चौकोर आकार का आता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने में अर्जुन की छाल का उपयोग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इस वृक्ष में कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम्स पाए जाते हैं। इसलिए इसमें एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। यह किडनी और लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
हार्ट को रखता है स्वस्थ
अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनॉइड नाम का रसायन पाया जाता है, जो हार्ट से संबंधित जोखिमों को दूर कर सकता है। अपने हार्ट को ठीक रखने के लिए आप अर्जुन छाल की चाय भी पी सकते हैं। चाय बनाने के लिए छाल के पाउडर की आधा चम्मच लेकर उसे चायपत्ती की तरह उबालें। अब अदरक, इलायची, दालचीनी, थोड़ा सा सेंधा नमक और गुड़ भी डाल सकते हैं। इस चाय में आप दूध का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
हड्डियों को बनाता है मजबूत
अर्जुन का वृक्ष एक चमत्कारिक औषधि है। जिसका इस्तेमाल टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है। अर्जुन के फल में हड्डियों को मजबूत करने वाले तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही यह हड्डियों का दर्द दूर करने में कारगर है। इसकी छाल का पाउडर को दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।
सर्दी-खांसी से करे बचाव
सर्दी-खांसी की समस्या में अर्जुन की छाल बहुत लाभकारी है। बता दें कि, अर्जुन की छाल का पानी कंजेशन से राहत दिलाने और फेफड़ों के कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में मददगार है। यह श्वसन संबंधी रोग से बचाव के लिए काफी उपयोगी है।
बढ़ाए पाचन शक्ति
अर्जुन की छाल का प्रयोग पेट संबंधित कई परेशानियों को दूर करने में लाभकारी है। अर्जुन की छाल का पानी पीने से पाचन तंत्र को लाभ होता है। यह हल्के कब्ज से राहत दिलाने में फायदेमंद है। साथ ही यह गैस्ट्रिक, अल्सर और एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।