किडनी-लिवर की तरह अब हाथ का भी दान हो सकेगा। इसे हादसे में हाथ गंवा चुके लोगों को प्रत्यारोपित किया जाएगा। हाथ दान के लिए लोग खुद को रजिस्टर करा सकते हैं। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने हाथ प्रत्यारोपणको राष्ट्रीय रजिस्ट्री में शामिल कर लिया है। देश के सभी अस्पतालों में इस पर काम शुरू हो गया है।
मध्य प्रदेश में जल्द हाथों का प्रत्यारोपण शुरू होगा। अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के बाद ब्रेन डेड मरीजों से हाथ दान में लेकर जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया जाएगा। राज्य में हाथ प्रत्यारोपण से हर माह पांच से 10 मरीजों को लाभ मिलेगा। जल्द ही राज्य स्तर पर प्रत्यारोपण के प्रशिक्षण शुरू होंगे। ब्रेन डेड मरीज के परिजन अन्य अंगों की तरह हाथ दान के लिए राजी होगें तो हाथ को ऑपरेट कर संबंधित मरीज को लगाया जाएगा। हाथ प्रत्यारोपण में करीब 10 लाख रुपए खर्च होते हैं। सरकारी सुविधा मिलने पर यह खर्च कम हो सकेगा।
देश में हाथ प्रत्यारोपण की स्थिति
अब तक दिल्ली, चंडीगढ़, कोच्चि और मुंबई जैसे शहरों में करीब 50 हाथ प्रत्यारोपण हुए हैं। जिन अस्पतालों के पास लाइसेंस, डोनर और रिसीवर होंगे, वहां यह प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। नोटो की लिस्ट में अब तक किडनी, लिवर, हार्ट, लंग, स्किन समेत 12 अंगों के डोनेशन का रजिस्ट्रेशन होता था। हैंड डोनेशन को 13वें नंबर पर जोड़ा गया है।
45 कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने की पहल
सिंगरौली। हिंडालको महान के सीएसआर विभाग ने अपने आसपास के 15 गांवों और 15 नगर परिषद वार्डों में संचालित 60 से ज्यादा आंगनवाड़ियों में 45 कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की पहचान की है। इन बच्चों को हर माह पोषण किट प्रदान की जा रही है और उनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट इकट्ठी कर उनके जरूरत अनुसार पोषण आहार किट प्रदान की जा रही है। अगले 6 महीनों तक बच्चों की पूर्ण निगरानी की जाएगी। हिंडालको महान हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व में कुपोषण की स्थिति एक गंभीर समस्या है जो कई देशों में बच्चों और वयस्कों को प्रभावित कर रही है।