अहमदाबाद का मैरिंगो सीआईएमएस कर रहा है सबसे ज्यादा अंग प्रत्यारोपण
कॉर्नियल प्रत्यारोपणों में भारत विश्वस्तर पर दूसरे स्थान पर आता है। भारत में हर वर्ष 17,000-18,000 ठोस अंग प्रत्यारोपण किए जाते हैं—जो अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में सबसे अधिक है। वर्ष 2023 में, भारत में 18,378 प्रत्यारोपणों के साथ अब तक के सबसे अधिक अंग प्रत्यारोपण किए गए हैं।
मैरिंगो सीआईएमएस अस्पताल, जो चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अधिकतम अनुकूलित प्रगति के लिए प्रसिद्ध है, गर्व से अंगों के प्रत्यारोपण के अपने कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा कर रहा है। यह अस्पताल दिल, फेफड़े, किडनी, यकृत और अस्थि मज्जा के अंग प्रत्यारोपण के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरकर सामने आया है। दिल के 54 प्रत्यारोपण, फेफड़े के 06 प्रत्यारोपण, किडनी के 124 प्रत्यारोपण, यकृत के 64 प्रत्यारोपण और अस्थि मज्जा के 240 से अधिक प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक करने के साथ, इस अस्पताल ने अंगों के प्रत्यारोपण के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा को स्थापित किया है, जो पूरी दुनिया के रोगियों को आशा और जीवन बचाने वाले उपचार प्रदान करता है।
दिल और फेफड़े के प्रत्यारोपण का नेतृत्व डॉ. धीरेन शाह, निदेशक-हृदय-फेफड़े प्रत्यारोपण कार्यक्रम और मैकेनिकल सर्कुलेटरी (एमसीएस) कार्यक्रम द्वारा किया जाता है, किडनी के प्रत्यारोपण का नेतृत्व डॉ. सिद्धार्थ मवाणी निदेशक-नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण द्वारा किया जाता है, लिवर के प्रत्यारोपण का नेतृत्व डॉ. पुनीत सिंगला, निदेशक-गैस्ट्रो सर्जरी और लिवर प्रत्यारोपण द्वारा किया जाता है, वयस्कों के अस्थि मज्जा के प्रत्यारोपण का नेतृत्व डॉ. अंकित जितानी, सलाहकार, हेमाटोलॉजी, रक्त और मज्जा प्रत्यारोपण द्वारा किया जाता है, और बाल रोगियों के अस्थि मज्जा के प्रत्यारोपण डॉ. हेमंत मेंघानी सलाहकार-बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी हेमाटोलॉजी और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण द्वारा किया जाता है।
ग्लोबल ऑर्गन शॉर्टेज क्राइसिस के बारे में बात करते हुए, डॉ. धीरेन ने कहा, अंगों के प्रत्यारोपण में सबसे बड़ी चुनौती मृत शरीर के अंगों के दान की विश्वभर में चल रही कमी है। अंगों के प्रत्यारोपण के मामले में भारत विश्व का एक प्रमुख देश है, जिसमें पिछले दशक में प्रत्यारोपणों की संख्या 3 गुना से अधिक बढ़ गई है। भारत दक्षिण पूर्व एशिया के लिए प्रत्यारोपण का क्षेत्रीय केंद्र है। वर्ष 2023 में 60% से अधिक जीवित अंगदानकर्ताओं में महिलाएं थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दानकर्ताओं (मृतकों सहित) की संख्या वर्ष 2014 में 6,916 से बढ़कर वर्ष 2022 में लगभग 16,041 हो गई।