Monday, December 23, 2024
HomeHealth & Fitnessमानसूनी बारिश में बढ़ता आई फ्लू और थ्रोट इन्फेक्शन का खतरा

मानसूनी बारिश में बढ़ता आई फ्लू और थ्रोट इन्फेक्शन का खतरा

गंदे पानी से करें बचाव, हाथों से चेहरे-आंखों को न छुएं

बारिश का आना मतलब ‘हैप्पी मानसून’। लेकिन ये तब तक ही खुशनुमा लग सकता है, जब तक हम इस मौसम की बीमारियों से बचे रहें। मानसून आता तो बारिश के साथ है, पर साथ में कई बीमारियां भी लेकर आता है। बारिश में ज्यादा नमी के कारण बैक्टीरिया व कई आंखों से न दिखने वाले कीटाणु हवा में फैल जाते हैं। इससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा
बढ़ जाता है।

बारिश में भीगने या गंदे पानी के संपर्क में आने से आंखों और गले में इन्फेक्शन होना सबसे आम है। आंखों में इन्फेक्शन जैसे जलन, सूखापन होना, आंखों का लाल हो जाना, उसमें सूजन आ जाना और कई बार आंखों से पानी आना। वहीं अगर इन्फेक्शन बढ़ जाए तो ये आई फ्लू का रूप भी ले सकता है। आई फ्लू, जिसे कंजंक्टिवाइटिस या ‘पिंक आई’ भी कहते हैं। सरल शब्दों में इसे ‘आंख आना’ कहते हैं। आई फ्लू या आंखों से जुड़ा इन्फेक्शन संक्रमण फैलने से होता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। बारिश में होने वाला दूसरा आम इन्फेक्शन है, ‘थ्रोट इन्फेक्शन’ यानी गले में होने वाला इन्फेक्शन। जैसे गले में खराश होना, कफ होना, जलन या खुजली होना, सर्दी-खांसी होना। यह सबकुछ इसके आम लक्षण हैं। सबसे ज्यादा ये बच्चों में होता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी एडल्ट्स जितनी स्ट्रॉन्ग नहीं होती है। इस कारण उनमें संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा रहता है।
मानसून में बढ़ता है बैक्टीरिया का खतरा
मानसून के दौरान आपके कई वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के संपर्क में आने का जोखिम किसी भी अन्य मौसम की तुलना में दो गुना ज्यादा होता है। हवा में मौजूद नमी की मात्रा ज्यादा बैक्टीरिया फैलाती है। साथ ही नमी के कारण उनकी प्रजनन दर भी बढ़ जाती है।
बारिश में कंजंक्टिवाइटिस आम समस्या
आंखें बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कंजंक्टिवाइटिस इस मौसम में होने वाली आम बीमारी है। यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है। यह दो सप्ताह में अपने आप ही ठीक भी हो जाती है। लेकिन कई लोगों में कंजंक्टिवाइटिस के कारण गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिसके तुरंत उपचार की जरूरत होती है। हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजंक्टिवा होती है। ये हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है। इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को ही कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। मौसम बदलते ही हमारे शरीर पर भी इसका असर पड़ता है। गले का संक्रमण आमतौर पर वायरस के कारण होता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments