Monday, December 23, 2024
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इंसुलिन रेजिस्टेंस से बढ़ता है 31 बीमारियों का जोखिम

डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हार्ट अटैक का बढ़ता है रिस्क, सुधारें आदतें

हाल ही में यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (EASD) के एनुअल समिट में एक स्टडी पेश की गई। इस स्टडी में पता चला कि इंसुलिन रेजिस्टेंस का 31 बीमारियों से सीधा संबंध है। इसके कारण हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज और स्लीप डिसऑर्डर्स का खतरा हो सकता है। इससे महिलाओं की कम उम्र में मौत का जोखिम भी 11% तक बढ़ जाता है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस एक कॉम्प्लेक्स कंडीशन है, जिसमें हमारा शरीर इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्ड करना कम कर देता है। इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जिसे हमारा पैंक्रियाज बनाता है। यह हमारे ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने और शरीर के कई अन्य कामकाज के लिए बहुत जरूरी है। जर्नल ऑफ एंडोक्रोनोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, पूरी दुनिया में 15.5 से लेकर 46.5% वयस्क तक किसी-न-किसी रूप में इंसुलिन रेजिस्टेंस से गुजर रहे हैं।

शुरूआती स्टेज में लाइफ स्टाइल और खानपान में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अगर यह कंडीशन लंबे समय तक बनी रहे तो इसके कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। हमारा शरीर भोजन को ग्लूकोज के रूप ब्रेक करता है, यह शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। ग्लूकोज ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है, जो पैंक्रियाज को इंसुलिन रिलीज करने का संकेत देता है। इंसुलिन ब्लड में मिलकर ग्लूकोज को मसल्स, फैट और लिवर सेल्स में प्रवेश करने में मदद करता है ताकि वे इसे ऊर्जा के लिए उपयोग कर सकें या फिर बाद में जरूरत के लिए इसे स्टोर कर सकें।

जब ग्लूकोज सेल्स में प्रवेश करता है और ब्लड स्ट्रीम में इसका लेवल कम हो जाता है तो यह पैंक्रियाज को इंसुलिन का प्रोडक्शन बंद करने का संकेत देता है। इससे ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन प्रोडक्शन दोनों कंट्रोल में बने रहते हैं। चीन की शेडोंग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर जिंग वू और उनकी टीम ने यूके बायोबैंक के डेटा बेस से लगभग 4 लाख 29 हजार लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। इसमें पता चला कि इंसुलिन रेजिस्टेंस के ज्यादातर मामले पुरुषों, सिगरेट पीने वालों, बुजुर्ग व्यक्तियों, मोटे लोगों और सिडेंटरी लाइफ स्टाइल जीने वाले लोगों में देखने को मिलते हैं। जब हमारी सेल्स इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देने में कमजोर पड़ने लगती हैं तो ऐसी स्थिति में पैंक्रियाज और अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाकर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में बनाए रखता है। इसके बाद जब सेल्स इंसुलिन के प्रति बहुत अधिक प्रतिरोधी हो जाती हैं तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

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