उर्फी जावेद अपने बोल्ड फैशन सेंस और बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। अपने एक रीसेंट इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में वह सीरियल बहुत देखती थीं। इससे उन्हें लगा कि साथ लेट जाने से बच्चे होते हैं। उर्फी ने बताया कि उनको स्कूल से प्रॉपर सेक्स एजुकेशन नहीं मिल पाई थी। उर्फी बताती हैं कि मैं कभी अपने कजन्स से मिलती थी तो मैंने उनके बगल में सोना बंद कर दिया। मैंने कहा, भैया ये नहीं हो पाएगा। लड़के और लड़कियां अलग ही सोएंगे।
उस समय इतना सेक्स एजुकेशन नहीं था। लड़कियों की गॉसिप से बातें पता चलती थीं। वह पीरियड्स के बारे में भी नहीं जानती थीं। उर्फी का वेब शो फॉलो कर लो यार चर्चा में है। इस बीच वह हॉटरफ्लाई के द मेल फेमिनस्ट पॉडकास्ट में पहुंचीं। उनसे घर के माहौल के माहौल के बारे में पूछा गया तो बोलीं, इतना अच्छा तो नहीं था। भाई-बहन इतने क्लोज नहीं थे पर फोन वगैरह नहीं था तो टीवी देखना बहुत शुरू कर दिया था। उर्फी बताती हैं कि वह कसौटी का आखिरी एपिसोड देखकर बहुत रोई थीं। उर्फी ने आगे बताया कि इस सीरियल से उनका एक गलत परसेप्शन बन गया था।
उन्हें लगता था कि बस किसी के बगल में सो जाओ और बच्चा हो जाता है। उर्फी ने बताया, मुझे लगता है कि वे सीरियल में बच्चा पैदा करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उनकी एक बेटी बीमार थी। वे साथ सोए और अगले दिन प्रेग्नेंट हो गए। मुझे लगा कि ऐसे बस साथ सो जाओ और बच्चा हो जाएगा। उर्फी आगे बताती हैं कि मैं कभी अपने कजन्स से मिलती थी तो मैंने उनके बगल में सोना बंद कर दिया। मैंने कहा, भैया ये नहीं हो पाएगा। लड़के और लड़कियां अलग ही सोएंगे। उस समय इतना सेक्स एजुकेशन नहीं था। उर्फी से पूछा गया कि सेक्स के बारे में समझ कहां से आ रही थी।