भोपाल: आधुनिकतम तकनीकी से खनिज संपदा के बेहतर उपयोग पर मंथन
खनन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने और आधुनिकतम तकनीकों का समावेश कर राज्य की खनिज संपदा का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय कॉनक्लेव 17 और 18 अक्टूबर 2024 को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में हो रही है। इस मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव मे जरिए राज्य की खनन क्षमता को तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की कवायद की जाएगी।
चूंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राजधानी से बाहर प्रवास पर है इसलिए माइनिंग कान्क्लेव का शुभारंभ मुख्य सचिव अनुराग जैन ने किया। उन्होंने कॉन्क्लेव में की-नोट संबोधन देते हुए मध्यप्रदेश में खनन के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं और राज्य सरकार की ओर से इसके लिए दी जाने वाली सुविधाओं और उपलब्ध इन्फ़स्ट्रक्चर की जानकारी दी।
मध्य प्रदेश देश के प्रमुख खनिज संसाधन संपन्न राज्यों में से एक है। प्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, चूना-पत्थर, हीरा और पायरोफिलाइट शामिल हैं। मध्य प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। देश के कुल चूना-पत्थर भंडार का नौ फीसदी मध्य प्रदेश में जबकि देश के 90 फीसदी हीरा भंडार मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं।
इन्वेस्टर्स को दी अवसरों की जानकारी
मुख्य सचिव जैन ने पहले प्रदेश के खनिज संसाधन पर केन्द्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्रारंभिक सत्र में प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन संजय कुमार शुक्ला मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव पर शुभारंभ संबोधन दिया। प्रमुुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह द्वारा मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों पर प्रस्तुति दी जाएगी। हाइड्रोकार्बन महानिदेशक, भारत सरकार, डॉ. पल्लवी जैन गोविल, पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी। डेलॉयट के पार्टनर रजिब मैत्रा मध्यप्रदेश में खनिज क्षमता के उपयोग पर अपनी प्रस्तुति देंगे।