महंगाई और बढ़ने के आसार, कंपनियां बढ़ा रहीं दाम
देश में बढ़ती महंगाई के बीच रोजमर्रा के सामान बेचने वाली FMCG कंपनियों ने आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी हैं। बीते दो-तीन महीनों में इन कंपनियों ने फूड और पर्सनल केयर से जुड़े प्रोडक्ट्स के दाम 2 से 17% तक बढ़ा दिए हैं। टाटा, डाबर और इमामी जैसी कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वे भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ाने जा रही हैं। कंपनियां इसकी मुख्य वजह कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी को बता रही हैं। ट्रेड डेटा और एनालिस्ट्स के अनुसार, कंपनियों ने साबुन- बॉडी वॉश के दाम 2-9%, हेयर ऑयल के 8-11% और चुनिंदा फूड आइटम्स के 3 – 17% तक बढ़ा दिए हैं। ICICI सिक्युरिटीज ने एक नोट में लिखा है कि कंपनियां चालू वित्त वर्ष 2024-25 में दाम औसतन 1% से 3% तक बढ़ा सकती हैं। वहीं, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि FMCG प्रोडक्ट्स की कीमतों के दाम फिर बढ़ सकते हैं।
आटे से लेकर कॉफी
तक के दाम बढ़े नेस्ले ने कॉफी की कीमतों में 8- 13% और मैगी ओट्स नूडल्स की कीमतों में 17% का इजाफा किया है। ITC के आशीर्वाद गेहूं आटे की कीमतों में 4% तक की बढ़ोतरी की है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने साबुन और डिटर्जेंट की कीमतों में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि की है। कोलगेट ने पामोलिव बॉडी वॉश की कीमत एक अंक में बढ़ाई है। पीयर्स बॉडी वॉश में 4% की बढ़ोतरी की है । HUL, P&G और ज्योति लैब्स के डिटर्जेंट ब्रांड्स ने चुनिंदा पैक्स पर 1-10% की बढ़ोतरी की है | HUL ने शैंपू की कीमतों में 4-6% और स्किन केयर प्रोडक्ट्स की कीमतों में 4% तक की वृद्धि की है।
दक्षिण भारत में टमाटर के दाम दोगुने हुए
महाराष्ट्र व दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में पिछले 15-20 दिनों में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। इसकी वजह भीषण गर्मी की वजह से उत्पादन में कमी आना है। इन राज्यों में थोक मंडियों में टमाटर की औसत कीमत 40-50 रुपए किलो तक पहुंच गई है। हालांकि, उत्तर भारत में टमाटर की ज्यादा सप्लाई के कारण कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। लेकिन भीषण गर्मी यहां भी पड़ रही है और आने वाले दिनों में मुश्किल हो सकती है।
पर्चेजिंग पॉवर से है महंगाई का सीधा संबंध
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पॉवर से है । उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे । ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी।