सेंसेक्स में 100 अंक और निफ्टी में भी 50 अंक की गिरावट
महीने के पहले कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स 100 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 84,200 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी करीब 50 अंक की गिरावट है, ये 25,750 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। शुरुआती कारोबार में सुबह उछाल देखने को मिला था। बीएसई सेंसेक्स में 348.1 और निफ्टी में 96.75 अंक की बढ़त के बाद गिरावट शुरू हुई। आज आईटी, पावर और बैंकिंग शेयर्स में बढ़त देखने को मिल रही है। टेक महिंद्रा में करीब 3% की तेजी है।
एशियाई बाजार में जापान के निक्केई में 1.47% और हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 2.43% की तेजी है। चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 8.06% की बढ़त है। 30 सितंबर को अमेरिका का डाओ जोंस 0.04% चढ़कर 42,330 पर और नैस्डैक 0.38% चढ़कर 18,189 पर बंद हुआ। S&P 500 भी 0.42% बढ़कर 5,762 पर बंद हुआ। एनएसई के डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने 30 सितंबर को 9,791 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
रुपया शुरुआती कारोबार में दो पैसे की गिरावट के साथ 83.81 प्रति डॉलर पर
अस्थिर वैश्विक बाजारों के बीच विदेशी पूंजी की भारी निकासी के कारण रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में दो पैसे की गिरावट के साथ 83.81 प्रति डॉलर पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी डॉलर के मजबूत रुख के कारण स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ा, हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में सुधार से गिरावट सीमित रही।
30 साल से कम उम्र के निवेशकों का बाजार पर दबदबा, छह वर्षों में 40 फीसदी पहुंची हिस्सेदारी
भारतीय शेयर बाजार पर अब 30 साल से कम उम्र के युवा निवेशकों का दबदबा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले छह वर्षों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। मार्च, 2018 में कुल निवेशकों में केवल 22.9 फीसदी हिस्सा युवा निवेशकों का था। अगस्त, 2024 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है। एनएसई की रिपोर्ट के अनुसार, अन्य आयु समूहों की हिस्सेदारी या तो स्थिर रही है या फिर उनमें गिरावट आई है। उदाहरण के तौर पर 30 से 39 और 40 से 49 वर्ष के निवेशकों की संख्या करीब-करीब स्थिर रही है। 50 से 59 और 60 वर्ष व उससे अधिक उम्र के निवेशकों की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2018 में 12.7 प्रतिशत से गिरकर अगस्त 2024 तक केवल 7.2 प्रतिशत रह गई।