सोने की कीमतों पर निवेशकों की है पैनी नजर
नई दिल्ली। इस साल अब तक सोने के दाम में 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह अन्य परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में सबसे ज्यादा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अर्धवार्षिक आउटलुक में कहा गया है कि कीमतों में यह उछाल विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा निरंतर खरीद, मजबूत एशियाई प्रवाह, लचीली उपभोक्ता मांग और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते आया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निवेशक सोने के दाम पर उत्सुकतापूर्वक नजर रख रहे हैं। रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि एशियाई निवेशकों ने सोने के हालिया प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
यह प्रभाव सोने की छड़ों और सिक्कों की उनकी मांग, गोल्ड ईटीएफ प्रवाह और ओवर-द-काउंटर बाजार में उनके द्वारा की जा रही खरीदारी से स्पष्ट है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्राय: ऐसा माना जाता है कि एशियाई निवेशक कीमतों में गिरावट के दौरान सोना खरीदते हैं, लेकिन हाल के दिनों में निवेशक बाजार के अनुकूल व्यवहार कर रहे हैं। सोने पर संभावित नकारात्मक प्रभाव के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंकों की मांग में पर्याप्त कमी और निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली करने से इसका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। सोने की कीमत में तेज बढ़ोतरी के प्रभाव का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों ने भारत और चीन जैसे बाजारों में मांग को कम कर दिया है, हालांकि सकारात्मक आर्थिक विकास इस प्रभाव को कम कर सकता है। स्थिर सोने की कीमतें उन खरीदारों को आकर्षित कर सकती हैं जो उच्च कीमतों की तुलना में कीमतों में उतार-चढ़ाव के बारे में अधिक चिंतित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत में विशेष रूप से सच है, जहां लोग अर्थव्यवस्था के बढ़ने की उम्मीद करते हैं और सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं।