सांची। इन दिनो लगातार पशुओं का जमावड़ा सडकों पर लगा रहता है तथा पशुओं ने अपना ठिकाना सडकों को बना लिया है सडकों पर बैठने वाले पशुओं का जमघट आसानी से दिखाई दे जाता है जिससे सडकों पर दौडने वाले वाहन चालकों को मुसीबत खडी कर रहे है वैसे अधिकांश पशु रात के अंधेरे मे वाहनों की चपेट में आ जाने से काल के गाल मे समा जाते हैं
हालांकि अनेक बार पशुओं से दुपहिया वाहनों के टकराने से चालक या तो मौत के मुंह में चले गए अथवा घायल अवस्था मे सडकों पर बैठने वाले पशुओं का खामियाजा भुगत रहे हैं इतना ही है चाक चौराहों पर तो स्थिति तब और बत्तर हो जाती है जब पशु खाद्य पदार्थों की दुकानों पर मुंह मारते दिखाई देते हैं इनमें सबसे अधिक सांडों का सडकों बाजारों मे खतरा बना रहता है तब और खतरा बढ़ जाता हैं जब सांडों की आपसी लडाई से दुकानदारों को तो परेशानी उठानी ही पडती है बल्कि इनके झगड़े से वाहनों का भी नुकसान होता रहता है तथा लोगों को इन पशुओं से मारने का भी भय बना रहता है तथा लोग इन पर पानी डाल कर भगाने का प्रयास भी करते आसानी से दिखाई देते है इसके साथ ही सडकों पर बैठने वाले सभी आवारा नही रहते कुछ तो पालतू रहते है परन्तु पशु मालिक इनका दूध निचोडकर भगवान भरोसे मौत के मुंह मे जाने छोड़ देते है हालांकि सरकार ने लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर जगह जगह गौशालाओं का निर्माण करा दिया परन्तु गौशालाएं भी इन पशुओं से अपने आप को दूर किये रहती हैं हालांकि सडकों से आवारा पशुओं को हटाने प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आदेश जारी कर चुके है तथा प्रशासन ने भी अनेक बार आदेश जारी किए परन्तु इन पशुओं को सडक मुक्त नहीं कर सके ।हालांकि स्थानीय प्रशासन ने भी अनेक बार एनाउंसमेंट के माध्यम से पशु मालिकों को चेतावनी दी गई तथा जुर्माना करने की चेतावनी काम न आ सकी ।हालांकि अनेक बार स्थानीय प्रशासन ने सडकों से पशुओं को हटाने कर्मचारियों की तैनाती की परन्तु नतीजा कुछ नहीं निकल सका जिससे आये दिन वाहनों की चपेट में आने से पशु काल के गाल मे समा रहे हैं ।लोगों के साथ वाहनों चालकों को मुसीबते खडी कर रहे हैं ।