ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने स्टडी के बाद किया खुलासा
किसी को भी ये बात ठोस रूप से नहीं पता है कि हममें से कितने लोग खर्राटे लेते हैं। लेकिन ये समस्या बढ़ रही है। इससे ना सिर्फ़ खर्राटे लेने वाले की नींद खराब हो सकती है बल्कि आसपास के लोगों को भी खासी दिक्कत होती है। कई मामलों में तो खर्राटों की वजह से लोगों की शादियां तक टूट गई हैं।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है, जिसमें यह बताया गया है कि खर्राटे लेने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या अधिक होती है। यह शोध हमें यह समझने में मदद करता है कि खर्राटे केवल एक सामान्य नींद की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। खर्राटे तब आते हैं जब हमारे गले की मांसपेशियों में तनाव होता है, जिससे वायु मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। यह समस्या आमतौर पर तब बढ़ती है जब हम गहरी नींद में होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, और शारीरिक गतिविधियों की कमी।
इस अध्ययन में 12,287 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिसमें से 15 प्रतिशत ने नियमित रूप से रात में खरार्टे लिए। शोध के दौरान यह देखा गया कि जिन प्रतिभागियों ने खर्राटे लिए, उनका सिस्टोलिक रक्तचाप औसतन 3.8 मिमी एचजी और डायस्टोलिक रक्तचाप 4.5 मिमी एचजी अधिक था। यह अध्ययन खरार्टों और उच्च रक्तचाप के बीच संबंध की गहराई को उजागर करता है। उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकती है। नियमित रूप से खर्राटे लेने वाले व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए, क्योंकि उच्च रक्तचाप से हृदय पर गंभीर दबाव पड़ता है।
फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ के प्रमुख लेखक बैस्टियन लेचैट ने कहा, यह अध्ययन खर्राटों और उच्च रक्तचाप के बीच महत्वपूर्ण संबंध स्थापित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहला अध्ययन है जिसमें कई रातों तक घर पर खर्राटों की निगरानी की गई है। इस अध्ययन के निष्कर्ष इस बात को स्पष्ट करते हैं कि खरार्टे केवल एक सामान्य समस्या नहीं हैं, बल्कि ये उच्च रक्तचाप का संकेत भी हो सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से खर्राटे लेते हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य की जांच कराने की आवश्यकता हो सकती है।