ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर सकता है डब्ल्यूएचओ
केन्या, कांगो, युगांडा और रवांडा समेत करीब 10 अफ्रीकी देशों और भारत के कुछ राज्यों में मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आए हैं। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिंता जताई है। डर है कि यह वायरल इन्फेक्शन सभी अफ्रीकी देशों और दुनिया के अन्य देशों में भी फैल सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ अपनी ऑफिशियल बैठक के बाद मंकी पॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर सकता है। मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। अफ्रीकी देशों में अचानक बढ़े संक्रमण के बाद इस साल इस वायरस के मामले 160% तक बढ़ गए हैं।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, कांगो में लगभग 70% मामले 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में देखे गए हैं। अफ्रीका में मौजूदा प्रकोप का सबसे प्रतिकूल प्रभाव बच्चों पर पड़ा है। कांगो में हुई कुल मौत के मामलों में से 85% तक 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं। डब्ल्यूएचओ इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। यह इसलिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। इसे एमपॉक्स भी कहते हैं। इसमें चकत्ते और फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है। इसके अलावा यह संक्रमित जानवरों जैसे बंदर, चूहा और गिलहरी के जरिए भी फैल सकता है। अगर यह वायरस बिस्तर, कपड़े या किसी सतह पर है तो उनके संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
क्या लक्षण हैं
किसी व्यक्ति के वायरस के एक्सपोजर में आने के बाद इसके लक्षण सामने आने में कई दिन या कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर एक्सपोजर के 3 से 17 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं। जब कोई व्यक्ति वायरस के एक्सपोजर में आया और जब इसके लक्षण दिखने शुरू हुए, इस बीच के समय को इनक्यूबेशन पीरियड कहते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक बने रहते हैं। मंकीपॉक्स का सबसे शुरूआती लक्षण बुखार होता है। फिर बुखार शुरू होने के लगभग 1 से 4 दिन बाद त्वचा पर दाने निकलने शुरू होते हैं। इसमें निकलने वाले दाने अक्सर पहले चेहरे पर दिखते हैं। इसके बाद हाथ या पैर पर दिखाई देते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।