Monday, December 23, 2024
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क्या सच में टेस्टी फास्टफूड खाने से कम होता है तनाव

वैज्ञानिकों का कहना है- स्ट्रेस और फास्टफूड का आपस में है सीधा कनेक्शन

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप बहुत परेशान हैं और यह बात अपने दोस्त के साथ शेयर करते हैं। दोस्त कहता है कि चलो तुम्हें कुछ अच्छा सा खाना खिलाकर लाते हैं, उसके बाद सब अच्छा महसूस होगा। यहां अच्छे का मतलब हेल्दी नहीं, स्वादिष्ट खाने से है। ऐसा हुआ भी होगा कि स्वादिष्ट खाने के पहले कौर के साथ ही स्ट्रेस का बोझ कुछ हल्का सा लगा होगा। इसके पीछे बहुत सिंपल साइंस है।

जब हम कुछ खाते हैं तो हमारी पांचों इंद्रियां एक साथ सक्रिय होती हैं और हमारा पूरा ध्यान खाने पर होता है। सबसे पहले हम खाने को देखते हैं। फिर उसकी महक, स्वाद, उसकी बनावट और यहां तक कि उसे खाने के दौरान निकली आवाज सबकुछ को महसूस करते हैं। स्वादिष्ट भोजन एक मेडिटेशन की तरह है। लेकिन यहां हम एक गलती कर देते हैं। इस दौरान खुद से यह सवाल करना भूल जाते हैं कि यह स्वादिष्ट खाना कितना हेल्दी है? इसका नतीजा यह होता है कि खाने के आखिरी कौर के बाद ही स्ट्रेस फिर लौट आता है। इस बार तो और भी बड़े रूप में लौटता है।

इसे ही स्ट्रेस ईटिंग कहते हैं। जो लोग हेल्थ को लेकर खूब सचेत हैं, ध्यान भी देते हैं, स्ट्रेस होने पर उनकी भी गाड़ी कभी-कभी ट्रैक से उतर जाती है। फर्ज करिए कि किसी दिन आपको अचानक पिज्जा, फ्राइज, चॉकलेट, आइसक्रीम या मिठाई खाने की बहुत जोरों से इच्छा होती है। ये वो सारी चीजें हैं, जिन्हें किसी सामान्य दिन में आप हाथ भी नहीं लगाएंगे। लेकिन उस एक क्षण में आप खुद को रोक नहीं पाते। अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि ये सब खाने की इच्छा इसलिए हो रही है क्योंकि आप किसी बात को लेकर स्ट्रेस्ड हैं। आपका स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसोल बढ़ा हुआ है और इसी कारण आपको अगड़-बगड़ चीजें खाने की इच्छा हो रही है। यही स्ट्रेस ईटिंग है।
स्ट्रेस और फास्टफूड का क्या कनेक्शन है
स्ट्रेस और फास्टफूड का आपस में सीधा कनेक्शन है। अगर तनाव बढ़ता है तो हमें फास्टफूड खाने की क्रेविंग होती है। उसे ही खाने की क्रेविंग इसलिए होती है क्योंकि उसमें बहुत सारा सॉल्ट, शुगर और फैट होता है, जो तुरंत बहुत ज्यादा मात्रा में हैप्पी हॉर्मोन डोपामाइन रिलीज करता है। खुशी की तलाश हमें फास्टफूड तक ले जाती है। लेकिन फास्टफूड की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। उससे तात्कालिक स्ट्रेस तो दूर होता है, लेकिन लांग टर्म में ये फूड स्ट्रेस को बढ़ाने का काम करता है।

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