5 जुलाई को सीरीज मिजार्पुर 3 अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की गई है। सीरीज की हर तरफ चर्चा हो रही है। लेकिन गोलू के किरदार को दर्शक सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इस किरदार को श्वेता त्रिपाठी ने निभाया है। सीरीज की रिलीज के बाद श्वेता ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है। श्वेता ने बताया कि करियर की शुरूआत में उन्हें भी मेल डोमिनेंस फेस करना पड़ा था। लेकिन चीजें अब पहले से बहुत बेहतर हो गई हैं। मेल डोमिनेंस हां 100% ये फेस करना पड़ा है। एक अच्छी चीज भी है कि अब इन चीजों में बदलाव आ रहा है।
बदलाव आने की वजह यह है कि इस चीज को लेकर बहुत सालों पहले महिलाएं और पुरुषों ने बगावत शुरू कर दी थी, जिसका नतीजा आज देखने को मिल रहा है। इसलिए मेरा मानना है कि हम कोई भी लड़ाई अपने लिए नहीं लड़ते हैं, बल्कि आने वाली जेनरेशन के लिए लड़ते हैं। मेरी किस्मत अच्छी भी रही कि अधिकतर बड़े डायरेक्टर्स ने मुझे जेंडर के आधार पर अलग महसूस नहीं कराया है। मेरा मानना है कि इंसान को इंसान के जैसे ट्रीट करना चाहिए। जेंडर या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। फिल्में, सीरीज और रियल लाइफ में भी इस चीज में बदलाव देखने को मिल रहा है। मुझे गुस्सा तब आता है, जब मैं अन्याय या कुछ गलत होता हुआ देखती हूं। एक किस्सा बताती हूं। कुछ दिन पहले फैमिली के साथ बनारस दर्शन करने गई थी। तभी देखा एक बच्चा पानी पीकर बॉटल डस्टबिन में फेंक रहा था, लेकिन बॉटल नीचे गिर गया। कायदे से उस बच्चे को फिर से बॉटल उठाकर डस्टबिन में डालना चाहिए था, लेकिन उसने नहीं किया। जो बड़े लोग उसके साथ थे, उन्होंने भी बच्चे से कुछ नहीं कहा। मैं ये सब देख कर बर्दाश्त नहीं कर पाई और बॉटल उठाकर डस्टबिन में डाल दिया। फिर उस बच्चे को भी समझाया। इस दौरान अच्छी चीज यह हुई कि बच्चे के परिवार वालों ने मेरा ही सपोर्ट किया और बच्चे से कहा- देखो दीदी कितनी अच्छी बात कर रही हैं, ऐसे ही हमें करना चाहिए। एक किस्सा और है। मैं कहीं शूट कर रही थी। तभी देखा कि एक एक्टर को जूता दिया गया, लेकिन वो उसके पैर के हिसाब से छोटा था। लेकिन उसने प्रोडक्शन टीम को यह बात नहीं बताई। कुछ समय बाद उसके पैर से खून निकलने लगा। ये देख मुझे बहुत बुरा लगा। फिर मैंने प्रोडक्शन टीम से बात की। वहीं उस एक्टर से भी कहा कि प्रोफेशनल लाइफ में सब करना ठीक है, लेकिन अपनी जरूरतों के लिए सही डिमांड करना गलत नहीं है।