Monday, December 23, 2024
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2 चोकर्स में फाइनल जंग: भारत को 2011 से तो द. अफ्रीका को 32 साल से वर्ल्ड कप का इंतजार

2007 में पाक को 5 रन से हराकर पहला ही टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था भारत ने

बारबाडोस। सदी के सबसे बड़े चोकर्स साउथ अफ्रीका के सामने आज दशक के सबसे बड़े चोकर्स भारत का सामना टी-20 वर्ल्ड कप में होगा। 1992 से व्हाइट बॉल क्रिकेट खेल रही अफ्रीकी टीम आज तक भी एक भी वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी,
वहीं टीम इंडिया को 2011 से वर्ल्ड कप का इंतजार है। साउथ अफ्रीका ने वर्ल्ड कप नहीं जीता, इसका मतलब ये नहीं कि टीम ने कोई आईसीसी ट्रॉफी भी नहीं जीती है। उन्होंने 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था। यह
उनके क्रिकेट इतिहास की पहली और आखिरी आईसीसी ट्रॉफी ही है। संयोग की बात तो यह है कि भारत ने भी अपना आखिरी आईसीसी खिताब चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में ही जीता था। हालांकि, इसे भी 11 साल बीत चुके हैं। यानी भारत को आईसीसी ट्रॉफी जीते हुए एक दशक बीत चुका है। आज के फाइनल का नतीजा कुछ भी हो, एक बात तो साफ है कि एक टीम तो अपने माथे से चोकर्स का टैग हटा ही लेगी। हां, मैच अगर रद्द हो गया तो दोनों ही टीमें अपना दाग धो सकती है।
क्योंकि मैच बेनतीजा हुआ तो ट्रॉफी दोनों ही टीमों में शेयर हो जाएगी। यानी दोनों का सूखा खत्म।


वनडे वर्ल्ड कप में 5 सेमीफाइनल गंवाए
साउथ अफ्रीका ने आईसीसी का बैन हटने के बाद 1992 में पहली बार वनडे वर्ल्डकप खेला। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन इंग्लैंड से हार गए। 1996 से 2015 तक टीम 6 में 5 बार नॉकआउट राउंड में पहुंची, लेकिन कभी क्वार्टर फाइनल तो कभी सेमीफाइनल हारकर बाहर हो गई। 2003 और 2019 में टीम नॉकआउट राउंड में नहीं पहुंच सकी। 2023 में साउथ अफ्रीका ने फिर कमबैक किया और सेमीफाइनल खेला, लेकिन
ऑस्ट्रेलिया से हार गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम ने यह वनडे वर्ल्ड कप तीसरा सेमीफाइनल गंवाया था। इसके अलावा टीम 2 बार न्यूजीलैंड और एकएक बार वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से नॉकआउट हारी है। टीम ने एकमात्र नॉकआउट मैच 2015 में जीता, तब साउथ अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था।

चैंपियंस ट्रॉफी में एकमात्र कामयाबी मिली
1998 में आईसीसी ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में अपना दूसरा 50-ओवर टूर्नामेंट शुरू किया। इसका नाम कभी
विल्स इंटरनेशनल तो कभी नॉकआउट ट्रॉफी हुआ, लेकिन अब इसे चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से पहचाना जाता है। साउथ अफ्रीका ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया और लगातार 3 नॉकआउट मैच जीतकर ट्रॉफी भी उठाई। जैक्स कैलिस प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। यह साउथ अफ्रीका की सीनियर क्रिकेट टीम का पहला और आखिरी आईसीसी खिताब रहा। इसके बाद टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में 7 बार हिस्सा लिया, लेकिन खिताब तो दूर फाइनल में पहुंचना भी नसीब नहीं हुआ। टीम ने 2000 और 2002 में भारत से लगातार 2 सेमीफाइनल गंवाए। 2006 में वेस्टइंडीज और 2013 में इंग्लैंड ने उन्हें सेमीफाइनल हराकर बाहर किया। साउथ अफ्रीका 2004, 2009 और 2017 में तो ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी। पहले खिताब के बाद टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में 5 नॉकआउट मैच खेले, 4 सेमीफाइनल गंवाए। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्वार्टर फाइनल भी साल 2000 में जीता। यानी टीम वर्ल्ड कप में 32 साल तो वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में 26 साल से चोक कर रही है।

टी-20 वर्ल्ड कप में पहला फाइनल खेलेंगे
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट का वर्ल्ड कप जब 2007 में शुरू हुआ तो आईसीसी ने साउथ अफ्रीका को ही इसकी मेजबानी दे दी। टीम ने पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को हरा दिया। सुपर-8 में भी टीम ने लगातार 2 मैच जीत लिए, लेकिन आखिरी मैच भारत से हारकर ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा। 2009 में साउथ अफ्रीका फिर सेमीफाइनल तक पहुंचा, लेकिन इस बार पाकिस्तान से हार गया। 2010 और 2012 में ग्रुप स्टेज से बाहर हुआ। 2014 में सेमीफाइनल तक पहुंच गया, लेकिन भारत से ही हारकर बाहर होना पड़ा।

दोनों टीमों की पॉसिबल प्लेइंग इलेवन
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह और जसप्रीत बुमराह।
साउथ अफ्रीका: ऐडन मार्करम (कप्तान), क्विंटन डी कॉक, रीज हेंड्रिक्स, हेनरिक क्लासन, डेविड मिलर, ट्रिस्टन स्टब्स, मार्को यानसन, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, एनरिक नॉर्त्या और तबरेज शम्सी।

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