टीकमगढ़- इंदिरा सरकार में अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाकर जेल गए उनका पूरा परिवार बिखर गया – अमित नुना।
आज स्थानीय नवीन भाजपा कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी द्वारा 25 जून को आपातकाल के रूप में काला दिवस मनाया गया। जिसमें जिले के मीसा बंदी में सरकार का विरोध कर रहे समाजसेवियों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मानित किया गया और उन दिनों के अनुभवों के बारे में जानकारी साझा की गई कि किस तरह संवैधानिक अधिकारों व उनके संसाधनों का सरकार द्वारा दुरुपयोग किया गया और आम जनता पर अत्याचार हुए। मुख्य रूप से भाजपा जिलाअध्यक्ष अमित नुना उपस्थित रहे। सम्मानित व्यक्तियों में मुख्यतः कैलाश चंद्र जैन, सनत कुमार जैन, श्रीमती भगवती देवी, के के भट्ट, अनिल, हुकुमचंद जैन शामिल रहे। भाजपा जिलाअध्यक्ष अमित नुना ने कहा कि आज भाजपा पार्टी द्वारा 25 जून आपातकाल के काले दिवस के रूप में मनाई गई और मीशा बंद में रहे समाजसेवियो जिन्होंने सरकार के खिलाफ,इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया उनका हर वर्ष की भांति सम्मान किया गया है।
उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव की धांधली में दोषी पाते हुए आरोपी बनाया गया था जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा परंतु इंदिरा गांधी ने कोर्ट के फैसले को नामंजूर करते हुए पद पर बैठी रही और सरकारी मशीन का दुरुपयोग करते हुए तथा संवैधानिक अधिकारों को ताक पर रखते हुए 25 जून 1975 को आधी रात में आपातकाल की घोषणा कर दी और मीशा कानून का उपयोग करते हुए सरकार के विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा समाजसेवी लोगों को जेल में डाल दिया गया, बड़े पैमाने पर देश भर में गिरफ्तारियां हुई , सरकार की एजेंसियों, मशीनरी और संसाधनों का गलत उपयोग इंदिरा गांधी द्वारा स्वार्थ हित में किया गया। स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उस समेत सभी राष्ट्रवादी संस्थाओं को बैन कर दिया गया और हजारों कार्यकर्ताओं को जेल में डालने का काम किया गया, अनेक प्रेस संस्थाओं के अधिकारों को छीनकर उन्हें जप्त कर लिया गया। 1947 के बाद काले अंग्रेजों ने जो लोग तंत्र का गला घोंटा,इंदिरा गांधी के स्मार्टफोन में जो अत्याचार किया उसे कभी बुलाया नहीं जा सकता है 21 महीने के कार्यकाल में जो लोग जेल में गए उनका पूरा परिवार बिखर गया। के के भट्ट ने कहा कि मीशा बंदी के दौरान जनता पर अत्याचार किए गए और उनके मूल अधिकारों को छीन लिया गया। मीशा बंदी रहे सनत कुमार जैन ने कहा कि समाजसेवियों को सरकार ने विशेष कानून के तहत अधिकारों का हनन करते हुए जेल में डाला और जेल में उनके साथ अत्याचार हुए। सरकार के अत्याचार के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई की गई , जो पूरे भारत में काले दिवस के रूप में जाना जाता है।
आज कार्यालय में कार्यक्रम में भाजपा महामंत्री अश्वनी चढ़ार , आशुतोष भट्ट व पूरन चंद्र, रोहित खटीक, विजय पटैरिया,प्रफुल्ल द्विवेदी, मुन्ना लाल साहू, इंजी अभय यादव, मुख्तार अहमद, जिनेंद्र घुवारा, उस्ताद ठगन, शक्ति राय, प्रमोद खरे, शोभरन कुशवाहा, प्रजातंत्र गंगेले,नरेश तिवारी, रोहित वैसाखिया, देवेंद्र नापित,सुमित उपाध्याय, संतोष चौरसिया ,श्याम यादव, शुभम व्यास, चंद्रभान प्रजापति, गौरव उपाध्याय, गिन्नी यादव,आदित्य योगी,विनय सेन, स्वप्निल तिवारी, भूषण वर्मा, नीरज, विभा श्रीवास्तव ,पूनम अग्रवाल, सुशीला राजपूत,रानी सोनी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।